अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 9 महीने बिताने के बाद आखिरकार धरती पर लौट आए हैं। ये दोनों केवल 8 दिनों के मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनका प्रवास अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया। अब, इस मुद्दे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है।
व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, एक रिपोर्टर ने जब ट्रंप को बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को उनके 286 दिनों के अतिरिक्त कार्यकाल के लिए ओवरटाइम वेतन नहीं मिला, तो उन्होंने आश्चर्य जताया। ट्रंप ने कहा, “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मैं अपनी जेब से उनकी सैलरी दूंगा। उन्होंने जो सहा है, उसके लिए यह करना कोई बड़ी बात नहीं है।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों को प्रतिदिन 5 डॉलर के हिसाब से 1,430 डॉलर (करीब 1.23 लाख रुपये) मिलने चाहिए थे, लेकिन अब तक उन्हें यह राशि नहीं मिली है।ट्रंप ने इस मौके पर स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास मस्क नहीं होते, तो क्या होता? शरीर 9-10 महीने में खराब होना शुरू हो जाता और 14-15 महीनों के बाद हड्डियां कमजोर हो जातीं।”
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के परीक्षण मिशन के तहत गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह मिशन 9 महीने लंबा हो गया। अंततः स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए वे बुधवार तड़के धरती पर लौटे। ट्रंप ने इस सफल वापसी के लिए मस्क और उनकी टीम का विशेष धन्यवाद किया।
अंतरिक्ष यान की तकनीकी समस्या के कारण विलियम्स और विल्मोर को ISS पर लंबा समय बिताना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि उनका यान पिछले साल सितंबर में यात्रियों के बिना ही वापस लौट आया था। इस मिशन में उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रोस्कोस्मोस के अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी शामिल थे।
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