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अफगानिस्तान के कंधार में कवरेज के दौरान भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या,पुलित्जर अवॉर्ड से थे सम्मानित

In Picture - Danish Siddiqui
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अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही भीषण हिंसा चरम पर है। ऐसे में पूरी दुनिया की निघाएं इस वक़्त इस देश की और है। ऐसे में अफगानिस्तान से एक दुःख भरी खबर सामने आ रही है। दरअसल यहां के कंधार प्रांत में कवरेज के लिए गए भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। बता दे दानिश सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के दौरान हुई है।

दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में शुमार थे दानिश।

पुलित्ज़र अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके दानिश सिद्दीकी की गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी। इन दिनों वह अंतरराष्ट्रीय एजेंसी Reuters के साथ कार्यरत थे और अफगानिस्तान में जारी हिंसा के कवरेज के लिए गए थे और इसी दरुआन हिंसा में उनकी हत्या कर दी गई है।

अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने दी दानिश की हत्या की जानकारी।

अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षा बलों के साथ एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट कर रहे थे और उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

ममुंडजे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गुरुवार रात कंधार में मेरे एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से गहरा दुख हुआ। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों में शामिल थे। मैं उनसे दो हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और संबंधी के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।

हिंसा के बीच अफगानिस्तान से लगातार कर रहे थे रिपोर्टिंग।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी श्रद्धांजलि।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट कर दानिश सिद्दीकी को श्रद्धांजलि दी है। अनुराग ठाकुर ने लिखा कि दानिश अपने पीछे अपना बेहतरीन काम छोड़कर गए हैं, जिन्होंने पुलित्ज़र अवॉर्ड भी जीता है।

कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में हुई है हत्या, कई दिनों से थे आतंकवादियों के निशाने पर – रिपोर्ट।

अफगानिस्तान के टोलो न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में की गई थी। हालांकि चैनल ने पूरी जानकारी नहीं दी। जानकारी के अनुसार सिद्दीकी ने हाल ही में एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए अफगान विशेष बलों द्वारा चलाए जा रहे एक मिशन को कवर किया था जिसके बाद से ही वह आतंकवादियों के निशाने पर थे।

रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिल चूका है Pulitzer Prize।

बता दे साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो पत्रकार बन गए थे।

क्यों पनप रही है अफ़ग़ान में हिंसा ?

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान अफ़ग़ान के कई बॉर्डर एरिया पर कब्ज़ा कर रहा है। इसके अलावा तालिबान द्वारा स्पिन बोल्डक जिले में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के सीमा से सटे क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए भी भारी हिंसा की जा रही है।

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