अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही भीषण हिंसा चरम पर है। ऐसे में पूरी दुनिया की निघाएं इस वक़्त इस देश की और है। ऐसे में अफगानिस्तान से एक दुःख भरी खबर सामने आ रही है। दरअसल यहां के कंधार प्रांत में कवरेज के लिए गए भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। बता दे दानिश सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के दौरान हुई है।
🔲 Afghanistan’s ambassador to India Farid Mamundzay tweeted a condolence message.@FMamundzay #DanishSiddiqui #Afghanistan #Kandahar #PhotoJournalist pic.twitter.com/C3DS6fDcDX
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) July 16, 2021
दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में शुमार थे दानिश।
पुलित्ज़र अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके दानिश सिद्दीकी की गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी। इन दिनों वह अंतरराष्ट्रीय एजेंसी Reuters के साथ कार्यरत थे और अफगानिस्तान में जारी हिंसा के कवरेज के लिए गए थे और इसी दरुआन हिंसा में उनकी हत्या कर दी गई है।
अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने दी दानिश की हत्या की जानकारी।
अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षा बलों के साथ एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट कर रहे थे और उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई।
के लिए अपने जुनून और अफगानिस्तान के लिए प्यार के बारे में बात की।
उसे याद किया जाएगा। मैं उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। 2/2
— Farid Mamundzay फरीद मामुन्दजई فرید ماموندزی (@FMamundzay) July 16, 2021
ममुंडजे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गुरुवार रात कंधार में मेरे एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से गहरा दुख हुआ। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों में शामिल थे। मैं उनसे दो हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और संबंधी के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
Deeply disturbed by the sad news of the killing of a friend, Danish Seddiqi in Kandahar last night. The Indian Journalist & winner of Pulitzer Prize was embedded with Afghan security forces. I met him 2 weeks ago before his departure to Kabul. Condolences to his family & Reuters. pic.twitter.com/sGlsKHHein
— Farid Mamundzay फरीद मामुन्दजई فرید ماموندزی (@FMamundzay) July 16, 2021
हिंसा के बीच अफगानिस्तान से लगातार कर रहे थे रिपोर्टिंग।
Got a 15 minute break during almost 15 hours of back to back missions. pic.twitter.com/Y33vJYIUlr
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
The Humvee in which I was travelling with other special forces was also targeted by at least 3 RPG rounds and other weapons. I was lucky to be safe and capture the visual of one of the rockets hitting the armour plate overhead. pic.twitter.com/wipJmmtupp
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी श्रद्धांजलि।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट कर दानिश सिद्दीकी को श्रद्धांजलि दी है। अनुराग ठाकुर ने लिखा कि दानिश अपने पीछे अपना बेहतरीन काम छोड़कर गए हैं, जिन्होंने पुलित्ज़र अवॉर्ड भी जीता है।
Danish Siddiqui leaves behind an extraordinary body of work. He won the Pulitzer Prize for Photography and was embedded with the Afghan Forces in Kandahar. Sharing one of his pictures below. Sincere condolences. RIP https://t.co/xGhjJbsoCQ pic.twitter.com/9V7czR5DtB
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 16, 2021
कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में हुई है हत्या, कई दिनों से थे आतंकवादियों के निशाने पर – रिपोर्ट।
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में की गई थी। हालांकि चैनल ने पूरी जानकारी नहीं दी। जानकारी के अनुसार सिद्दीकी ने हाल ही में एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए अफगान विशेष बलों द्वारा चलाए जा रहे एक मिशन को कवर किया था जिसके बाद से ही वह आतंकवादियों के निशाने पर थे।
रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिल चूका है Pulitzer Prize।
बता दे साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो पत्रकार बन गए थे।
क्यों पनप रही है अफ़ग़ान में हिंसा ?
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान अफ़ग़ान के कई बॉर्डर एरिया पर कब्ज़ा कर रहा है। इसके अलावा तालिबान द्वारा स्पिन बोल्डक जिले में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के सीमा से सटे क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए भी भारी हिंसा की जा रही है।