देश में कोरोना की दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ गई हो लेकिन मामलों में उछाल और गिरावट जारी है। इसी बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की तैयार की गई रिपोर्ट में कोरोना महामारी की तीसरी वेव सितंबर – अक्टूबर महीने में होने आशंका जाहिर की गई है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान ने यह भी आशंका जाहिर की है कि तीसरी लहर सितंबर और अक्टूबर दोनों महीने परेशानी का सबब हो सकती है। हालांकि उसके बाद यह भी बताया गया है कि अक्टूबर के बाद हालात नॉर्मल होते चले जाएंगे। आपको बता दें, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
National Institute of Disaster Management (NIDM), under the Ministry of Home Affairs (MHA), has warned of a third #COVID19 wave peak in October in its recent report to Prime Minister's Office (PMO).
— ANI (@ANI) August 23, 2021
PMO को भी भेजी गई रिपोर्ट, केंद्र को चेताया।
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अपनी हालिया रिपोर्ट में अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर की पीक को लेकर चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई इस रिपोर्ट में अक्टूबर में कोरोना के फिर से पीक पर होने की आशंका जाहिर की गई है और इसको लेकर केंद्र को चेताया भी गया है।
दिव्यांग बच्चों पर अधिक खतरा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बच्चों में वैक्सीन को प्राथमिकता देने की जरूरत है, साथ ही जो दिव्यांग बच्चे हैं उनपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यही नहीं सख्ती के बाद भी अक्टूब माह में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। बता दें कि इसके अलावा भी कई एक्सपर्ट की कमेटी ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है।
यहाँ देखे NIDM की रिपोर्ट।
बच्चों पर खतरा अधिक ।
अधिकतर एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों में गंभीर संक्रमण होने की संभावना कम है और ये संक्रमण को दूसरों में स्थानांतरित कर सकते हैं। जिस तरह से लोगों का आवागमन बढ़ा है उससे तीसरी लहर का खतरा बढ़ा है। लेकिन तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर होगी। स्टडी में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर के लिए हमे बच्चों पर अधिक खतरे को देखते हुए और भी बेहतर तैयारी करने की जरूरत है।
बेहतर तैयारी ही है इस लहर से बचाव।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैसे कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 60-70 फीसदी बच्चों को जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था उनके भीतर कोरोना के चलते इम्युनिटी कमी दिखी थी, इसकी प्राथमिक वजह थी कि उनके भीतर मल्टी सिस्टम इंन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम की समस्या थी जोकि काफी दुर्लभ है लेकिन गंभीर है, जोकि कोरोना से ठीक होने के बाद बढ़ता है। एनआईडीएम कमेटी के कोऑर्डिनेटर संतुष कुमार ने कहा कि तीसरी लहर के लिए हमे बेहतर तैयारी करने की जरूरत है। राज्यों में कोविड सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। आईसीयू, बच्चों के डॉक्टरों की संख्या, दवा आदि की किल्लत ना हो इसकी व्यवस्था करनी है।
होम केयर मॉडल पर जोर।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सुझव दिया है कि घर के भीतर बेहतर होम केयर मॉडल एक अच्छा विकल्स साबित हो सकता है अगर कोरोना की तीसरी लहर के दौरान एकदम से मेडिकल जरूरतों की मांग बढ़ती है।