दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लगभग दो हफ्ते बाद भारत ने बुधवार सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले कर सख्त जवाब दिया। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के ठिकाने मुरीदके को भी निशाना बनाया गया। भारत की इस कार्रवाई को सीमापार आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस ऑपरेशन की जानकारी जापान, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन के विदेश मंत्रियों से फोन पर साझा की। उन्होंने जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से बात करते हुए बताया कि भारत ने सीमापार आतंकी ढांचे पर जवाबी कार्रवाई की है। साथ ही उन्होंने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए जापान के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
जर्मनी के जोहान वाडेफुल और फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो से संयुक्त बातचीत के दौरान जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत की यह प्रतिक्रिया आत्मरक्षा में उठाया गया एक संतुलित और ठोस कदम है। स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बारेस से चर्चा करते हुए भी जयशंकर ने बताया कि भारत ने संयम बरतते हुए, लेकिन प्रभावी ढंग से जवाब दिया है।
भारत की इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल देखी गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित कई वैश्विक नेताओं ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए दोनों देशों को शांति और संवाद के रास्ते पर लौटना चाहिए।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले के बाद भारत पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था। बुधवार को की गई मिसाइल स्ट्राइक को न सिर्फ सैन्य रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भी संदेश है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा।
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