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आईसीएमआर का दावा- भारत की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्‍सीन’ डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी

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भारत अभी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से झूझ ही रहा है कि ऐसे में तीसरी लहर की आशंका और उसको लेकर जारी हो रही चेतावनी ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। ऐसा इसीलिए भी क्युकी विशेषज्ञों के मुताबिक जल्द ही कोरोना वायरस की तीसरी लहर देश में देखने को मिल सकती है। लेकिन इस इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर ये भी है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपनी स्टडी रिपोर्ट में ये दावा किया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी अधिक प्रभावी है।

गौरतलब है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित यानी बनाया है।

डेल्टा और डेल्टा प्लस के खिलाफ इतनी प्रभावी है कोवाक्सिन।

बता दें कि इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवाक्सिन की प्रभावशीलता कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी और नए डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसदी है।  वहीं कोवाक्सिन गंभीर लक्षण वाले मामलों में 93.4 फीसदी प्रभावी रही है।

जानें क्या कहते है तीसरे फेज के ट्रायल के आकड़े।

बिना लक्षण वाले मामलों में कोवाक्सिन का प्रभाव : 63 फीसदी
माइल्ड, मॉडरेट और गंभीर मामलों में प्रभाव : 78 फीसदी
कोरोना के गंभीर मामलों में प्रभाव : 93 फीसदी
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवाक्सिन का प्रभाव : 65 फीसदी

इधर आइसीएमआर ने यह दावा तो किया है कि कोवैक्‍सीन डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है, लेकिन कितनी प्रभावी है, इसका विवरण नहीं दिया है।

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