कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कहा कि G7 देश अपने आगामी शिखर सम्मेलन में सुरक्षा और ऊर्जा समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि अंतर-सरकारी राजनीतिक और आर्थिक मंच पर भारत की उपस्थिति आवश्यक है.
कार्नी ने कहा कि भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, इसलिए उसे इस सम्मेलन में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा, “आइए हम दो पहलुओं को संदर्भ में रखें- पहला, हम जी-7 अध्यक्ष की भूमिका में हैं और जी-7 के हमारे सहयोगियों के साथ हुई चर्चाओं में ऊर्जा, सुरक्षा, डिजिटल भविष्य, महत्वपूर्ण खनिजों और अन्य मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं शामिल हैं. साथ ही, उभरते और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में साझेदारी पर भी चर्चा की गई है.”
कार्नी ने कहा कि भारत कई आपूर्ति शृंखलाओं का केंद्र है, जो जी7 अध्यक्ष परामर्श में इसकी उपस्थिति को प्रासंगिक बनाता है. उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें उन चर्चाओं के लिए टेबल पर होना चाहिए, और जी7 अध्यक्ष के रूप में मेरी क्षमता में, मैं उन निर्धारणों को करने के लिए कुछ अन्य देशों के साथ परामर्श करूंगा. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, प्रभावी रूप से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, उन आपूर्ति शृंखलाओं में से कई के केंद्र में है, इसलिए यह समझ में आता है.”
कार्नी ने कहा कि भारत और कनाडा कानून प्रवर्तन पर काम कर रहे हैं, और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई. हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. लोगों के बीच गहरे संबंधों से बंधे जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे. शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है.”
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