गूगल का Earth AI लॉन्च — सूखी नदियों से लेकर बाढ़ तक अब मिलेगा रियल-टाइम अलर्ट

गूगल ने रियल-टाइम भू-स्थैतिक (geospatial) डेटा को समझने और विश्लेषण करने के लिए तीन नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल पेश किए हैं — Imagery, Population और Environment। ये मॉडल Google के Earth AI इनिशिएटिव का हिस्सा हैं और इनका उद्देश्य है — दुनिया भर में आपदाओं, पर्यावरणीय बदलावों और जनसंख्या से जुड़े डेटा को तेज़ी और सटीकता से समझना।
इन नए AI मॉडलों की मदद से सैटेलाइट तस्वीरों से तुरंत पहचान की जा सकेगी कि कहाँ पेड़ कट रहे हैं, नदियों का बहाव घटा है, या किसी क्षेत्र में बाढ़ या प्रदूषण का खतरा है। Google Earth में अब Gemini AI की geospatial reasoning क्षमता जोड़ी जा रही है, जो मौसम, जनसंख्या घनत्व और पर्यावरणीय डेटा को जोड़कर जटिल सवालों के जवाब दे सकेगी।
Google Earth AI, our collection of geospatial AI models and datasets, is expanding globally and adding new capabilities. That includes Geospatial Reasoning, powered by Gemini, which automatically connects different Earth AI models – like weather forecasts, population maps +… pic.twitter.com/Jb6cG4jyEY
— Sundar Pichai (@sundarpichai) October 23, 2025
गूगल ने बताया कि आने वाले समय में Google Earth के ज़रिए सूखती नदियों का पता लगेगा, जहरीली शैवाल (algae) की पहचान होगी और कई शहरों में पीने के पानी के खतरे का अलर्ट भी मिले सकेगा। 2025 के कैलिफोर्निया वाइल्डफायर के दौरान गूगल ने Maps के माध्यम से 1.5 करोड़ लोगों को रियल-टाइम अलर्ट भेजकर सुरक्षित स्थान तक पहुँचने में मदद की थी।
फिलहाल ये नए Earth AI मॉडल Google Cloud पर चुने गए टेस्टर्स के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। जबकि नया Geospatial Reasoning टूल जल्दी ही अमेरिका में Google Earth Professional उपयोगकर्ताओं के लिए शुरू होगा।
गूगल का कहना है कि वह ऐसे AI मॉडल तैयार कर रहा है जो “भौतिक दुनिया को उतनी ही गहराई से समझें, जितनी भाषा मॉडल डिजिटल दुनिया को समझते हैं।”





