गणेश चतुर्थी 2021 आज पूरे भारत देश में धूमधाम से मनाई जा रही है। इसी क्रम में सुबह से ही बप्पा को घर लाने की तैयारियां शुरू हो गईं। कई जगहों और घरों में सुबह पूरे ढोल बाजे के साथ बप्पा विराज भी चुके है। इधर गणेश जी आज विराजमान होने के10 दिन बाद यानि 19 सिंतबर को अनंत चतुदर्शी पर विदा लेंगे यानी बप्पा को इस दिन विसर्जित कर दिया जाएगा। बता दे विघ्न विनाशक गणेश जी का पूजन करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है। वही अगर इस महापर्व में यदि शुभ मुहूर्त में गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना की जाए, तो भक्तों के सारे संकर गणेशा हर लेते है। तो चलिए अब हम आपको बताते है स्थापना के लिए मुहूर्त एवं पूजा विधि, मंत्र और आज का पंचांग।
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— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) September 10, 2021
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त : Ganesh chaturthi Shubh Muhurat
🛑ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:31 से सुबह 05:17
🛑अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:43
🛑विजय मुहूर्त- दोपहर 02:23 से दोपहर 03:12
🛑गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:20 से शाम 06:44
🛑अमृत काल- 06:59 AM से 08:28 AM
🛑रवि योग- सुबह 06:04 से दोपहर 12:58
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त।
गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना करने और पूजन करने का शुभ मुहर्त दोपहर 12:17 बजे शुरू होकर रात 10 बजे तक रहेगा। आमतौर पर सूर्यास्त के बाद भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना सूर्यास्त के बाद नहीं की जाती है, लेकिन इस साल ऐसे योग बने हैं कि रात 10 बजे तक गणेश स्थापना की जा सकेगी। इस दौरान दोपहर 12.25 से 1.50 तक और शाम 05 से 6.30 तक विशेष तौर पर शुभ मुहूर्त रहेगा।
कुछ इस तरह विराजे बप्पा को, ऐसी है पूजा विधि।
🛑इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
🛑स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
🛑इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
🛑गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
🛑गणपति की प्रतिमा की स्थापना करें।
🛑संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
🛑गणेश पूजा में सबसे पहले गणेश जी का प्रतीक चिह्न स्वस्तिक बनाया जाता है।
🛑 गणेशजी प्रथम पूज्य देव हैं, इस कारण पूजन की शुरुआत में स्वस्तिक बनाने की परंपरा है।
🛑भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
🛑भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
🛑भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं।
🛑भगवान गणेश का ध्यान करें।
🛑गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं।
🛑भगवान गणेश की आरती जरूर करें।
गणपतिजी की स्थापना कैसे करें।
गणपतिजी की स्थापना करने से पहले सबसे पहले मन में उनका ध्यान करते हुए लकड़ी की चौकी पर गंगा जल छिड़क लें और उसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें और उस पर अक्षत छिड़कें। तदनंतर चौकी पर भगवान गणपति जी की मूर्ति को विराजमान करें। विराजित करने के बाद गंगा जल अथवा साफ शुद्ध जल से उन्हें स्नान करवाएं। उन्हें विराजमान करते समय दोनों तरफ रिद्धि और सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी का साबुत दाना भी रखें। गणपतिजी के दाईं तरफ जल का कलश भी रखें। इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर गणपतिजी आवाहन करें। इन सब कार्यों को करते समय मन में हमेशा ‘ओं गणपतये नम:’ का जाप भी करते रहें। स्थापना के बाद उन्हें सिंदूर, जनेऊ, केसर, हल्दी, चंदन, मौली, लाल पुष्प, दूर्वा, मोदक, नारियल आदि चढ़ा दें। और उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं और भोग लगाने के बाद उनकी आरती उतारें।
गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।