Hindi Newsportal

फैक्ट चेक: क्या ‘द कश्मीर फाइल्स’ को मिला दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2023, जाने पूरा सच

0 329
फैक्ट चेक: क्या ‘द कश्मीर फाइल्स’ को मिला दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2023, जाने पूरा सच

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘The Kashmir Files’ को दादा साहेब फाल्के अवार्ड में बेस्ट फिल्म ऑफ़ द ईयर के ख़िताब से नवाजा गया है।

फेसबुक पर विवेक अग्निहोत्री की एक तस्वीर शेयर कर अंग्रेजी भाषा के कैप्शन के साथ ‘TheKashmirFiles wins the ‘Best Film’ award at Dada Saheb Phalke Awards. “This award is dedicated to all the victims of terrorism,” film’s director Vivek Agnihotri says’.

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ  देखें

 

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा गलत है। The kashmir Files को दादा साहेब फाल्के अवार्ड में नहीं बल्कि दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में बेस्ट फिल्म ऑफ़ द ईयर का अवार्ड मिला है।

वायरल दावे की सच्चाई के लिए हमने अपनी पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले यह जानने का प्रयास किया कि हाल ही क्या दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2023 का आयोजन हुआ है या नहीं। इसके लिए हमने इस मामले से संबंधित कुछ कीवर्ड्स से गूगल पर खोजना शुरू किया।

खोज के दौरान हमें आज तक की वेबसाइट पर इस मामले से संबंधित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में बेस्ट फिल्म फिल्म का अवार्ड मिला है।

इसके बाद हमें गूगल पर Jansatta नामक वेबसाइट पर एक दूसरी रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई में हाल ही में दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2023 का आयोजन किया गया। जिसमें विवेक आग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को बेस्ट फिल्म का अवार्ड दिया गया है।

इसी अवार्ड को लेकर दादासाहेब फाल्के के नाती चंद्रशेखर पुसालकर ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देश में सिनेमा का सबसे बड़ा राष्ट्रीय सम्मान है। लेकिन मुंबई में बीते दिन जिस संस्थान ने यह अवॉर्ड बांटे हैं वह दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स के नाम से हैं। दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। यह संस्थान पैसे लेकर उन लोगों को अवॉर्ड दे रही हैं, जो उस काबिल भी नहीं हैं।

दादा साहेब फाल्के अवार्ड 

इसके बाद हमने अब दादा साहेब फाल्के अवार्ड और दादा साहेब इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड के बीच में फर्क जानने के लिए खोजना शुरू कर दिया। इस दौरान हमें सबसे पहले दादा साहेब फाल्के अवार्ड की जानकारी हमें DIRECTORATE OF FILM FESTIVALS के अधिकारी वेबसाइट पर मिली। यहाँ जानकारी मिली कि दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड सबसे पहले भारत सरकार की ओर से 1969 में दिया गया था।

यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में फिल्म निर्माता दादासाहेब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए दिया जाता है। हर साल भारतीय सिनेमा में यह अवॉर्ड उत्कृष्ट योगदान के लिए किसी एक को दिया जाता है। बता दें कि अवॉर्ड सूचना एव प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल की तरफ से दिए जाते हैं।

दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 

इसके बाद दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की जानकारी के लिए हमें DPIFF की वेबसाइट मिली। जहाँ बताया गया कि साल 2012 में दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) की स्थापना की गई थी। यह दादा साहेब फाल्के की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इसकी शुरुआत की गयी थी। वेबसाइट में बताया गया कि  यह भारत का ”एकमात्र स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल” है। बताते चलें कि इसकी स्थापना अनिल मिश्रा ने की थी। गौरतलब है कि इसके मैनेजिंग डायरेक्टर भी अनिल मिश्रा ही हैं।

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है कि विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में बेस्ट फिल्म ऑफ़ थे ईयर का अवार्ड मिला है न कि दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2023 .