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EVM सुरक्षा के मुद्दे पर प्रणब मुखर्जी ने जताई चिंता, कहा लोकतंत्र की संस्थागत अखंडता सुनिश्चित करें चुनाव आयोग

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2019 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के साथ ही विपक्ष ने ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने ईवीएम की सुरक्षा और वोटिंग मशीनों से कथित छेड़छाड़ को लेकर आ रही ख़बरों पर चिंता जताई है.

मंगलवार दोपहर ट्विटर पर लिखते हुए, प्रणब मुखर्जी ने अपने बयान की एक तस्वीर साझा की, जिसमें उन्होंने जोर दिया कि वोटिंग मशीनों की संस्थागत अखंडता सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग की है और उन्हें इस दिशा में काम करना चाहिए.

ट्विटर पर अपना बयान साझा करते हुए उन्होंने लिखा,‘लोकतंत्र में लोगों के निर्णय पर किसी तरह का संकट नहीं आना चाहिए. लोगों का फैसला हमेशा किसी भी तरह के संशय से हटकर सर्वोच्च रहना चाहिए.’

मुखर्जी ने कहा, “मैं मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ की खबरों से चिंतित हूं.”उन्होंने यह देश के कई हिस्सों से वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ की रिपोर्ट और वीडियो के संदर्भ में कहा, जिसपर विपक्षी दल भी आरोप लगा रहे हैं.

ईवीएम से छेड़छाड़ की शिकायतों पर बोलते हुए मुख़र्जी ने कहा कि इससे जुड़ी जितनी भी शिकायते सामने आ रही हैं, उन्हें चुनाव आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए और इसमें संशोधन के लिए ज़रूरी कदम उठाने चाहिए.

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी का ये बयान विपक्ष की शिकायतों की पृष्टभूमि में आया है, जब आज ही सभी विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम के साथ वीवीपीएटी की गिनती की मांग का पुनर्मूल्यांकन के मुद्दे पर बात करने के लिए संविधान क्लब, न्यूज़ दिल्ली में आज बैठक की.

मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में चुनाव आयुक्तों से भी मुलाकात की और आयोग के समक्ष एक ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें अनुरोध किया गया कि मतों की गणना शुरू करने से पहले यादृच्छिक रूप से पहचाने गए (05) मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी स्लिपों का सत्यापन किया जाना चाहिए और
मतगणना के अंतिम दौर का समापन होने के बाद नहीं.

मुख़र्जी ने सोमवार को ही मीडिया से बात करते हुए सफल चुनाव कराने की चुनाव आयोग की सक्षम कोशिशों की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र के सफल होने के पीछे चुनाव आयोग की बेहद अहम भूमिका होती है.