चुनाव आयोग की बड़ी पहल: 9 राज्यों में मतदाता सूची की गहन जांच शुरू, 51 करोड़ वोटर्स पर नजर

नई दिल्ली. बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद अब चुनाव आयोग ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया की शुरुआत करने का ऐलान किया है. यह अभियान मंगलवार, 4 नवंबर से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगा. इस दौरान मतदाता सूची का गहन सत्यापन किया जाएगा.
आयोग के अनुसार, इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 51 करोड़ मतदाता हैं. बिहार में इस प्रक्रिया का पहला चरण पहले ही पूरा किया जा चुका है, जहां 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी. बिहार में 7.42 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए गए थे.
दूसरे चरण के तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया जाएगा.
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा सत्यापन
निर्वाचन आयोग की योजना के मुताबिक, एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगी. इसके बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा (ड्राफ्ट) प्रकाशित किया जाएगा, जबकि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी.
2002-04 के बाद फिर शुरू हुआ एसआईआर
गौरतलब है कि आखिरी बार 2002 से 2004 के बीच विशेष गहन पुनरीक्षण कराया गया था. आयोग का मानना है कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से छूटे नहीं और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में न रहे.
आयोग के अनुसार, एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से अवैध विदेशी प्रवासियों के नाम हटाना है. इसके लिए जन्म स्थान और अन्य दस्तावेजों की जांच की जाएगी. हाल के वर्षों में बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों के मामलों को देखते हुए यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
2026 में इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव
आगामी वर्ष तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं, असम में भी 2026 में चुनाव प्रस्तावित हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया अलग से घोषित की जाएगी.
असम में मतदाता सूची की समीक्षा उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया के तहत की जा रही है. साथ ही, नागरिकता कानून के विशेष प्रावधान भी राज्य में लागू हैं.
चुनाव आयोग का यह कदम देशभर में मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और अद्यतन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.





