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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भुज दौरा, आपने भारत का मस्तक ऊंचा किया…: भुज एयरबेस से राजनाथ सिंह

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भुज (गुजरात) पहुंचे, जहां उन्होंने भुज वायुसेना स्टेशन पर वायु योद्धाओं से बातचीत की. इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल ए.पी. सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे.

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज वायुसेना स्टेशन पर वायु योद्धाओं से बातचीत की शुरुआत में कहा, “मैं आज आपके बीच में आपका अभिनंदन करने के लिए आया हूं. ऑपरेशन सिंदूर में सचमुच में आप लोगों ने करिश्माई काम किया है और भारत का मस्तक आपने सारी दुनिया में ऊंचा किया है… ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो हमारे सैनिक अथवा हमारे नागरिक शहीद हुए हैं, मैं सबको नमन करता हूं और जो हमारे बहादुर जवान घायल हुए हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मैं ईश्वर से कामना करता हूं.”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है… आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम हैं. पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है.”

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, “ऑपरेशन सिंदूर का नाम हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा था…ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो किया, उस पर सभी भारतीयों को गर्व है. पाकिस्तानी धरती पर आतंक के अजगर को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए 23 मिनट काफी थे…आपने दुश्मन की धरती पर मिसाइलें गिराईं, उन मिसाइलों की गूंज सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी, पूरी दुनिया ने सुनी. वह गूंज आपके शौर्य और पराक्रम की थी. यह वो सिंदूर है जो श्रृंगार का नहीं बल्कि शौर्य का प्रतीक है. यह वो सिंदूर है जो सौंदर्य का नहीं बल्कि संकल्प का प्रतीक है. यह सिंदूर खतरे की वह लाल लकीर है, जो भारत ने आतंकवाद के माथे पर खींच दी है.”

 

इस दौरे से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “नई दिल्ली से भुज (गुजरात) के लिए रवाना हो रहा हूं. भुज वायुसेना स्टेशन पर हमारे साहसी वायु योद्धाओं के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. इसके अलावा, मैं स्मृतिवन भी जाऊंगा – एक स्मारक और संग्रहालय जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 के भूकंप में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि के रूप में की थी.”

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