दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्टपर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को आज खारिज कर दिया है। इसी के साथ याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। बता दे सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका में कोरोना महामारी को आधार बनाकर रोक लगाने की मांग की गई थी।
‘सेंट्रल विस्टा एक अहम और आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है – दिल्ली हाईकोर्ट
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने इस याचिका को खारिज किया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व की एक अनिवार्य परियोजना है, लोगों की सार्वजनिक परियोजना में महत्वपूर्ण रुचि है। कोर्ट ने कहा, याचिका किसी मकसद से ‘‘प्रेरित’’ थी और ‘‘वास्तविक जनहित याचिका’’ नहीं थी।
Order: The DDMA order in question nowhere prohibits construction work. The legality of the project has been upheld previously by the Supreme Court itself. They are supposed to complete the work by Nov, 2021. Time is of essence in the contract. The work has to be completed.
— Live Law (@LiveLawIndia) May 31, 2021
याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना भी लगा।
अदालत ने कहा कि शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप को दिए गए ठेके के तहत काम नवंबर 2021 तक पूरा होना है और इसलिए इसे जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली अर्जी को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
ये भी पढ़े : CBSE, ICSE 12th Exams: केंद्र सरकार ने मांगा 2 दिन का समय, 3 जून को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय
Order: This is a motivated petition preferred by the petitioner and not a genuine petition. The petition is dismissed with a cost of Rs.1,00,000/-.#CentralVista
— Live Law (@LiveLawIndia) May 31, 2021
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।
होंगे ये बदलाव भी।
इसके अलावा एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन प्रस्तावित है। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और इनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को भी स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिए कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा।