गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सीआरपीएफ के 81 वें स्थापना दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ के सभी जवानों को शुभकानाएं दी. उन्होंने कहा देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल की विभिन्न क्षेत्रों में सेवा करने की प्रतिबद्धता और समर्पण असाधारण है.
शाह ने यह भी कहा कि भारत को सीआरपीएफ कर्मियों की वीरता और साहस पर बहुत गर्व है.
ट्विटर पर सीआरपीएफके प्रति अपनी गर्व की भावना को साझा करते हुए उन्होंने लिखा, “सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर, मैं अपने सीआरपीएफ कर्मियों और उनके परिवारों के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. सीआरपीएफ की हमारे देश की रक्षा करते हुए प्रतिबद्धता और समर्पण असाधारण है.”
On CRPF’s raising Day, I extend my warm wishes to our CRPF personnel and their families. The commitment and dedication of @crpfindia while protecting our nation at different terrains is exceptional. India is extremely proud of their valour and courage.
— Amit Shah (@AmitShah) July 27, 2019
1939 में क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में यह बल अस्तित्व में आया था. 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के कानून बनने पर यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) बन गया.
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यह बल 246 बटालियन के साथ एक विशाल संगठन के तौर पर विकसित हो चुका है. जिसमें 208 कार्यकारी बटालियन, छह महिला बटालियन, 15 रैपिड एक्शन फोर्स (दंगा विरोधी) बटालियन, 10 कोबरा (विशेष नक्सल विरोधी) बटालियन शामिल हैं. एक बटालियन में लगभग 1,000 जवान होते हैं.
सीआरपीएफ का मिशन सरकार को कानून, सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावी और कुशलता से बनाए रखने में सक्षम बनाना है. जिससे राष्ट्रीय एकता को बनाए रखा जा सके और संविधान के वर्चस्व को बरकरार रखते हुए सामाजिक सद्भाव और विकास को बढ़ावा दिया जा सके. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेने के लिए सीआरपीएफ प्रमुख बल बन चुका है. इसके अलावा पूर्वोत्तर में यह वामपंथी चरमपंथ और उग्रवाद से लड़ रहा है.