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विपक्ष ने पीएम मोदी से ट्रम्प के मध्यस्थता के दावों पर चुप्पी तोड़ने को कहा

PM Modi (File Image)
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मुलाकात के दौरान कहा था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे “कश्मीर मुद्दे” पर मध्यस्थता की मांग की है. ट्रम्प के इस बयान ने भारतीय राजनीतिक तिमाहियों में विवाद खड़ा कर दिया है, विपक्षी दलों ने मोदी से उनके रुख को स्पष्ट करने और मामले पर चुप्पी तोड़ने के लिए कहा है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को हैरानी जतायी कि भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा कहेगी या फिर इस विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर भारत ने अपनी स्थिति बदल ली है.

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प चौंकाने वाली बात कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में अमेरिका को शामिल होने का अनुरोध किया है, हालांकि मैं यह देखना चाहता हूं कि क्या ट्रम्प के दावे पर विदेश मंत्रालय उन्हें मदद के लिये कहेगा.”

इस मसले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी अपनी राय ट्वीट करके रखी.

शशि थरूर ने कहा, ”मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रम्प को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या रुख है. विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि भारत ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है.”

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया. किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है.’ उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री देश को जवाब दें.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिये उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है.’

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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी. भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा.’

गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प द्वारा इस संबंध में दावा किए जाने के कुछ ही देर में उसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उसका रूख हमेशा से यही रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे.