विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को संसद भवन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए हैं.
Delhi: External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar formally joined BJP today in presence of Working President J.P. Nadda, at Parliament House. pic.twitter.com/lyD2Ph05rU
— ANI (@ANI) June 24, 2019
इससे पहले, उन्हें 30 मई को नई नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी.
1977 बैच के आईएफएस अधिकारी, जयशंकर को प्रधान मंत्री के बहुत करीब माना जाता है और उन्होंने पिछली एनडीए सरकार में विदेश सचिव (2015-2018) के रूप में विदेश नीति को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी.
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित जयशंकर को परमाणु कूटनीति और अमेरिका और चीन के साथ संबंधों में भी व्यापक विशेषज्ञता हासिल है. उन्होंने 2008 के भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
जयशंकर ने सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है.
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अब जब जयशंकर भाजपा में शामिल हो चुके है, ऐसे में नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार में मंत्री बनने के लिए किसी भी नेता का शपथ लेने के छह महीनों के भीतर ही संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है.
ऐसे में भाजपा के पास दो विकल्प हैं. जयशंकर को या तो लोकसभा का सांसद बनाने के लिए भाजपा को किसी लोकसभा सीट पर उपचुनाव घोषित करना होगा या फिर राज्यसभा का सदस्य बनाना होगा. आने वाले कुछ ही समय में गुजरात की दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इसकी पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा उन्हें गुजरात से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बना सकती है.