25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित की गयी इमरजेंसी के आज 44 साल पूरे हो चुके हैं. कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए भाजपा के कई नेताओं ने इमरजेंसी के दौर पर ट्विटर पर लिखा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री समेत कई अन्य नेताओं ने भी इसपर अपनी राय रखी.
पीएम मोदी ने ट्विटर पर इमरजेंसी पर आधारित एक वीडियो साझा किया, जिसमे इसमें संसद में दिए गए पीएम के भाषण का हिस्सा भी दिखाया गया है. उन्होंने लिखा,”भारत उन सभी महानुभावों को सलाम करता है जिन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया. भारत का लोकतांत्रिक लोकाचार एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक हावी साबित हुआ.”
India salutes all those greats who fiercely and fearlessly resisted the Emergency.
India’s democratic ethos successfully prevailed over an authoritarian mindset. pic.twitter.com/vUS6HYPbT5
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी इमरजेंसी को स्वतंत्र भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन बताते हुए ट्विटर पर लिखा,”1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गई. देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए. लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं, मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं.”
1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गयी। देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए। लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं।
मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं। pic.twitter.com/XzRc4vEdJS
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2019
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया रखी. उन्होंने लिखा,” 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा और इसके बाद की घटनाएं, भारत के इतिहास के सबसे गहरे अध्यायों में से एक के रूप में चिह्नित हैं. इस दिन, हमें भारत के लोगों को हमेशा अपने संस्थानों और संविधान की अखंडता को बनाए रखने के महत्व को याद रखना चाहिए.”
The declaration of Emergency on June 25, 1975 and the incidents that followed, mark as one of the darkest chapters in India’s history.
On this day, we the people of India should always remember the importance of upholding the integrity our institutions and the Constitution.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2019
केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने इमरजेंसी के समय छपे एक अखबार की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “आज आधी रात को मैं अपना समय स्वतंत्रता के लिए समर्पित करूंगा क्योंकि 25 जून 1975 आधी रात को भारत में आपातकाल लगाया गया था तथा लोकतंत्र की हत्या उस क्षण हुई थी.”
आज आधी रात को मैं अपना समय स्वतंत्रता के लिए समर्पित करूंगा क्योंकि 25 जून 1975 आधी रात को भारत में आपातकाल लगाया गया था तथा लोकतंत्र की हत्या उस क्षण हुई थी। pic.twitter.com/TAreuV7BTU
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 24, 2019
विपक्षी पार्टियां भी इस मौके पर अपनी राय आगे रख रही हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि आज इमरजेंसी की बरसी है, लेकिन पिछले पांच साल में देश में सुपर इमरजेंसी लागू हो गई है.
उन्होंने लिखा,”पिछले पांच साल में भारत में सुपर इमरजेंसी के हालात हैं. हमें इतिहास से काफी कुछ सीखना चाहिए और लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करने के लिए लड़ते रहना चाहिए.”
Today is the anniversary of the #Emergency declared in 1975. For the last five years, the country went through a ‘Super Emergency’. We must learn our lessons from history and fight to safeguard the democratic institutions in the country
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 25, 2019
बता दें कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू करने का ऐलान किया था. आपातकाल देश में करीब 2 साल तक चला था. आपातकाल के दौरान सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले पत्रकारों और नागरिकों को जेल में डाला गया था.