संसद में केंद्रीय बजट पेश करने के कुछ दिनों बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को बजट पर बहस का जवाब देंगी. उन्होंने 5 जुलाई को वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश किया था.
कई विपक्षी नेताओं ने उनके द्वारा पेश किये गए बजट,जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में भारत को $ 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाना है, की आलोचना की है . कांग्रेस नेताओं शशि थरूर और अधीर रंजन चौधरी ने बजट को निराशाजनक बताया है.
“कोई नई बात नहीं है, यह पुराने वादों की पुनरावृत्ति है. वे नए भारत की बात कर रहे हैं लेकिन बजट एक नई बोतल में वही पुरानी शराब जैसा है. रोजगार सृजन की कोई योजना नहीं है, कोई नई पहल नहीं है.”
जबकि थरूर ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले पर नाखुशी व्यक्त की थी. “हम पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक पेट्रोल दरों का भुगतान कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि हम हर लीटर के लिए 2 रु और अधिक भुगतान करें. थरूर ने कहा था कि इससे ‘आम आदमी’ प्रभावित होगा क्योंकि उपभोग की सभी वस्तुएं पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी के साथ महंगी हो जाएंगी.’
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बजट को जनविरोधी, युवा विरोधी, गरीब-विरोधी और किसान विरोधी बताया था.
सुरजेवाला ने कहा था,“प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की नई सरकार लोगों, युवाओं, गरीबों और किसानों के खिलाफ है. वित्त मंत्री ने एक बार भी किसानों की दुर्दशा का जिक्र नहीं किया। उन्होंने यह नहीं बताया कि किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी या रोजगार कैसे पैदा होंगे?”