नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है और साथ ही एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है.
🔲 #SupremeCourt ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की और एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। #LakhimpurKheri #AshishMishra pic.twitter.com/3YCAwWO0Kt
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) April 18, 2022
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है. मौजूदा मामले में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है. हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों और अनदेखी मिसालों को ध्यान में रखा है. कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें.
बाता दें की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी जिसके बाद वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आए थे.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रमुख बातें
- इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नए सिरे से सुनवाई के आदेश दिए.
- सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक आशीष मिश्रा को जमानत देते वक्त इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की दलीलों को नजरअंदाज किया.
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिर्फ एफआईआर के आधार पर आशीष मिश्रा को जमानत दे दी, जो गलत है- सुप्रीम कोर्ट.
- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए की आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फिर से विस्तार से सुनवाई करनी होगी.
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में जिस जज ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई की, अब वह दोबारा इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे.
- यह फैसला चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सुनाया.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी मामले में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. किसानों का समूह भारतीय जनता पार्टी के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था जिसके बाद एक एसयूवी कार ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था.