पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने के आरोप में सजा काट रही नलिनी श्रीहरण परोल पर जेल से बाहर आ गयी हैं.
कड़ी सुरक्षा के बीच, वह सुबह 10 बजे वेल्लोर के थोरपडी में महिला जेल से बाहर आई और उसे पुलिस की गाड़ी में बिठाया गया.
नलिनी ने अपनी बेटी की शादी की तैयारी के लिए मद्रास हाईकोर्ट से 6 महीने की परोल की मांग की थी. उसे मद्रास हाईकोर्ट से 30 दिन की परोल मिली थी, जिसके बाद गुरुवार को वह जेल से बाहर आ गई.
अदालत ने नलिनी को परोल अवधि के दौरान मीडिया के साथ बातचीत नहीं करने का निर्देश दिया है और इन 30 दिनों के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट भी जारी किया है.
नलिनी ने छह महीने की परोल मांगी थी, हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए व्यवस्था करने के लिए केवल 30 दिन का समय दिया है.
ALSO READ: बीजेपी ने आज लोकसभा में सांसदों को किया व्हिप जारी; ट्रिपल तालक विधेयक चर्चा के…
नलिनी की बेटी लंदन में रहती है. परोल के लिए नलिनी ने व्यक्तिगत रूप से अपने मामले में पैरवी की थी. नलिनी ने अपनी दलील में कहा कि हर दोषी दो साल की जेल की सजा के बाद एक महीने की साधारण छुट्टी का हकदार होता है और उसने पिछले 27 साल में एक बार भी छुट्टी नहीं ली है.
इससे पहले 2016 में, श्रीहरन को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 12 घंटे के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था.
दरअसल, राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी उम्रकैद की सजा भुगत रही है और पिछले 28 सालों से वेल्लोर केंद्रीय जेल में जेल की सजा काट रही है.
नलिनी श्रीहरन को फांसी की सजा हुई थी,लेकिन साल 200 में 24 अप्रैल को तमिलनाडु सरकार ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था.
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सभी सातों दोषी 1991 से जेल में कैद हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को चुनाव प्रचार करने के दौरान एक बम विस्फोट में उनकी मौत हो गई थी. जिस वक्त उनकी मौत हुई उस दिन वह तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनाव प्रचार करने हुए गए थे.