भारतीय कोविड वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर आई है । दरअसल भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्सीन COVAXIN के तीसरे चरण के ट्रायल यानी (Third Phase Trial) के नतीजे अधिकारिक रूप से जारी कर दिए हैं। नतीजों के मुताबिक COVAXIN को कोरोना के खिलाफ 77.8% प्रभावी पाया गया है। वहीं खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 65.2% असरदार है।
COVAXIN® Proven SAFE in India's Largest Efficacy Trial. Final Phase-3 Pre-Print Data Published on https://t.co/JJh9n3aB6V pic.twitter.com/AhnEg56vFN
— BharatBiotech (@BharatBiotech) July 2, 2021
क्या कहा भारत बायोटेक ने ?
प्री-प्रिंट डेटा का हवाला देते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि उसकी कोवैक्सीन सिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ 77.8 फीसदी कारगर है। वहीं, कोवैक्सिन कोरोना के गंभीर मरीजों के खिलाफ 93.4 फीसदी प्रभावी है। वहीं, कोरोना के डेल्ट वेरिएंट्स के खिलाफ यह 65.2 फीसदी कारगर है।
25800 वॉलंटियर्स थे ट्रायल में शामिल।
भारत बायोटेक के मुताबिक, कोवैक्सीन का ट्रायल देश के 25 अलग-अलग अस्पतालों में किया गया था। इसमें करीब 25800 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे, जो 18 से 98 साल के आयु वर्ग के थे। तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई यानी प्लास्बो दी गई।
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ऐसे जानें कितनी असरदार है वैक्सीन।
असिम्पटोमेटिक मामलों में: 63% असरदार
हल्के, मध्यम और गंभीर मामले: 78% असरदार
डेल्टा वेरिएंट: 65% असरदार
गंभीर कोरोना केस: 93% असरदार
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने भी कोवाक्सिन को पाया था डेल्टा वेरिएंट्स से लड़ने में कारगर।
इतना ही नहीं, इससे पहले भारत बायोटेक की बनाए स्वेदशी कोरोना रोधी टीके कोवैक्सीन के असर को अमेरिका ने भी असरदार माना था। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने पाया था कि कोवैक्सीन से शरीर में बनी एंटीबॉडीज कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट्स से लड़ने में कारगर है।
ICMR और भारत बायोटेक ने मिलकर बनाया है कोवाक्सिन को।
बता दें कि कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने बनाया है।