इजरायली सेना ने गाजा में फिलिस्तीनियों को एक ताजा चेतावनी जारी की है, जिसमें निवासियों से कहा गया है कि वे अपने घर छोड़ दें और अगली सूचना तक वापस न आएं क्योंकि इजरायल जवाबी हमला कर रहा है। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पिछले 24 घंटों में गाजा में इजरायली हवाई हमलों में 324 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 1,000 अन्य घायल हुए हैं।
इनसब के बीक सोशल मीडिया पर मलबे से बरामद एक मृत नवजात शिशु की तस्वीर वायरल हो रही है जिसके साथ ये दवा किया गया कि यह गाजा शहर पर इजरायल के हालिया हवाई हमले के बाद का परिणाम दिखाता है।
एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “गाजा में 18 फ़िलिस्तीनी लोगों के एक परिवार को वीभत्स, ज़हरीले इज़रायली शासन ने मार डाला है, जिनमें 9 बच्चे भी शामिल है।”
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।
फैक्ट चेक
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा गलत है। दरअसल वायरल तस्वीर 2006 की है।
इसी वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया जिसपे हमे एक्स (ट्विटर) पर 17 अगस्त 2013 को तुर्की लेखिका सेवदा तुर्कुसेव द्वारा साझा की गई एक पोस्ट मिली। पोस्ट में वायरल छवि का एक ज़ूम आउट संस्करण था और इसे कैप्शन के साथ साझा किया गया था, “हे बेकार जिगर और सड़ी हुई आत्माओं वाले इंसानों। यदि आपके दिल बच्चों जितने बड़े होते, तो आप विश्वासघाती रूप से हमला नहीं करते।”
#R4BIA, Ey ciğeri beş paraetmez nefsi leş insan müsvetteleri.Bebekler kadar yüreğiniz olsaydı kalleşçe saldırmazdınız pic.twitter.com/OhKjWwM4e1
— sevda turkusev (@sevdaturkusev) August 16, 2013
आगे पड़ताल में हमने गूगल पर एक कीवर्ड खोज की और हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट गेटी द्वारा अपलोड की गई कई तस्वीरें मिलीं जो वायरल छवि से मिलती जुलती थीं। इन तस्वीरो को रामजी हैदर द्वारा 8 अगस्त 2006 को लिया गया था इनमें नवजात शिशु को विभिन्न एंगल से दिखाया गया था। विवरण में यह भी बताया गया है कि यह घटना 7 अगस्त 2006 को बेरूत पर इजरायली हमले के बाद की है।
इसके अलावा हमे यही तस्वीर दुसरे एंगल से मिली। तस्वीर में दिए गए विवरण में लिखा था, 07 अगस्त 2006 के अंत में बेरूत में इजरायली हमले से प्रभावित एक इमारत के मलबे से 08 अगस्त 2006 को अपनी माँ की गोद में पड़ी दस दिन की लेबनानी बच्ची वाड के शव को निकालने के लिए बचाव कर्मियों ने अपने नंगे हाथों का उपयोग किया। मलबे को हटाने और हमले के बाद ध्वस्त इमारतों द्वारा छोड़े गए अंतराल से 13 शवों को निकालने के लिए मशीनों और अपने नंगे हाथों का इस्तेमाल किया गया। हमले में वेहबेह परिवार के तेरह सदस्य मारे गए।
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल पोस्ट करीब १७ साल पुराना है। इसका हाल में हुए फलीस्तीन-इजराइल युद्ध से कोई लेना देना नहीं है।