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देश में कुल 35 नेताओं ने बिना चुनाव लड़े ही जीता लोकसभा का चुनाव और बने सांसद

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देश में कुल 35 नेताओं ने बिना चुनाव लड़े ही जीता लोकसभा का चुनाव और बने सांसद

देश में तीन चरण के लोकसभा चुनाव हो चुके हैं अभी चार चरण के चुनाव होने हैं। इन सभी चुनावों के नतीजे 4 जून को आने हैं जिसके बाद यह निश्चित होगा कि केंद्र में किसकी सरकार काबिज होनी है। लेकिन इस दौरान कई ऐसे लोकसभा सीटें भी हैं जहाँ बिना चुनाव के प्रत्याशियों को नए सांसद के रूप में चुन लिया गया है। बता दें कि जिन सीटों पर एक नेता को बिना चुनाव के ही सांसद के रूप में चुना लिया गया है वहाँ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन सीटों पर उनके सामने किसी अन्य प्रत्याशी चुनाव के लिए नामांकन नहीं भरा। तो ऐसे चुनावों को निर्विरोध चुनाव कहा जाता है।

तो आइये इस लेख में जानते हैं कि किन लोकसभा सीटों में सांसद को निर्विरोध ही चुन लिया गया है साथ ही, साल 2024 लोकसभा चुनावों के पहले ऐसे कितने नेता हैं जिन्हें बिना चुनाव ही सांसद चुना गया है।

लोकसभा में जीता निर्विरोध चुनाव 

गौरतलब है कि भाजपा के मुकेश दलाल को सूरत लोकसभा सीट पर निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। जिसके चलते गिनती से पहले ही  भाजपा का खाता खुल गया है। दरअसल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन में कमी पाए जाने के बाद पर्चा खारिज कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक प्रत्याशी के दस्तखत में समस्या पाई गई थी।

बता दें कि भारत में 1951 से ही लोकसभा चुनाव कराए जा रहे हैं, जिसके बाद से अब तक कुल 35 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने ने बिना मतदान के ही निर्विरोध लोकसभा चुनावों में अपनी जीत दर्ज कराई है। इनमें समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव भी शामिल हैं। दरअसल 2012 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में उनके सामने कोई भी उम्मीदवार नहीं था। ऐसे में डिंपल यादव की निर्विरोध जीत हुई थी।

निर्विरोध जीत के मामले में कांग्रेस नंबर 1 पर है। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला, टीटी कृष्णामाचारी, पीपी सईद, वाईबी चव्हाण और एससी जमीर कांग्रेस के सबसे ज्यादा प्रत्याशी निर्विरोध जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।

1957 के आम चुनावों में अधिकतम 7 उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे। वहीं 1951 और 1967 के चुनावों में 5-5 उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे. जबकि 1962 में 3 और 1977 में 2 उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीते थे। इसी तरह से 1971, 1980 और 1989 में एक-एक उम्मीदवार ने चुनाव जीता था। 

विधानसभा चुनावों में भी नेताओं को निर्विरोध चुना गया

वहीं कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में दस भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 2014 के अरुणाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में भी निर्विरोध जीत हासिल की थी। जून 2011 में भी पेमा खांडू ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मुक्तो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध उपचुनाव जीता था।