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बसपा ने अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को पद से हटाया, जानें क्या है वजह

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बसपा ने अपने उत्तराधिकारी आकाश आनंद को पद से हटाया, जानें क्या है वजह

 

बहुजन समाज पार्टी ने अपने उत्तरा अधिकारी आकाश आनंद को पद से हटा दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय भी वापस ले लिया है। बता दें कि आकाश को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश को दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। आकाश के पिता आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। आनन्द पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने हुए हैं।

बता दें कि मायावती ने खुद आकाश को आगे बढ़ाया। कई साल तैयारी के बाद लोकसभा चुनाव में उनको बड़े नेता के तौर पर लॉन्च किया। पहली बार चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने उतरे आकाश विरोधियों पर काफी हमलावर दिखे। आकाश आनंद यूपी में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे थे। आकाश ने बड़े ही आक्रामक अंदाज में शिक्षा, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाकर युवाओं का दिल जीतने की कोशिश की। लेकिन यही आक्रामक लहजा शायद उन्हें भारी पड़ गया।

बसपा प्रमुख मायावती ने आकाश को पद से हटाने का यह फैसला सीतापुर की रैली के बाद से लेना पड़ा था।  दरअसल, आकाश ने सीतापुर की रैली में बड़े ही आक्रामक अंदाज में कहा कि साथियो, भाजपा की सरकार बुलडोजर की नहीं बल्कि आतंकवादियों की सरकार है। अपनी आवाम को गुलाम बनाकर रखा है। ऐसी सरकार का समय आ गया है खत्म होने का। और चुनाव में बसपा की सरकार बनाकर बहनजी को प्रधानमंत्री बनाइए। ऐसी सरकार जो शिक्षा और रोजगार नहीं दे सकती, ऐसी सरकार को कोई भी हक नहीं है आपके बीच में आने का। अगर ऐसे लोग आपके पास आएं तो जूता निकालकर रेडी कर दीजिएगा। वोट की जगह जूता मारिएगा।

उन्होंने कहा कि “अगर चुनाव आयोग को हमारी बात बुरी लग गई हो और अगर ऐसा लग रहा हो कि हमें तालिबान और आतंकी जैसे शब्द नहीं कहना चाहिए था तो दरख्वास्त है कि यहां आकर गांवों में बहन-बेटियों की स्थिति देख लें तो वो खुद समझ जाएंगे कि जो हमने कहा वो सत्य है। प्रधानमंत्री जी ने रोजगार पर बात कहते हुए कहा था कि नौकरी नहीं है तो क्या हुआ, पकौड़ा तलो। आप ही बताइए बच्चों को इतनी पढ़ाई-लिखाई करवाकर क्या आप पकौड़ा तलवाएंगे क्या? बहुजन समाज पकौड़े तलने के लिए नहीं पैदा हुआ है। वह पढ़ लिखकर भारत के संविधान को आगे बढ़ाएगा।