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फैक्ट चेक: विस्फोट की आवाज पर बेटी को हंसना सिखाते हुए पिता का यह वीडियो इजरायल-हमास जंग से नहीं है सम्बन्ध

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इजराइल-हमास में जंग को करीब तीन हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है। इजराइल लगातार गाज़ा पट्टी पर मिसाइली हमले कर रहा है। इनसब के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। 20 सेकंड लम्बे इस वीडियो में एक पिता रिकॉर्डिंग के दौरान अपनी बेटी से बात कर रहा है। जैसे ही वीडियो में विस्फोट की आवाज सुनाई देती है, दोनों हंसने लगते हैं। इस वीडियो को लोगो ने हाल का बता कर शेयर किया और दावा किया की एक फिलिस्तीनी पिता इजरायली हवाई हमले के दौरान कैसे अपनी बेटी की रक्षा कर रहा है।

एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “एक पिता अपनी बेटी से कहता है कि जब भी वह इजरायली हवाई हमले के बारे में सुनें तो हंसने को कहे ताकि वह डरे नहीं। अल्लाह उनका दर्द कम कर दे।”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा झूठा है। दरअसल वीडियो तीन साल पुराना है और सीरिया का है।

इंटरनेट पर वायरल हो रहे वीडियो के साथ शेयर किए गए दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल की। हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को सम्बंधित कीवर्ड से खोजा। इस दौरान हमे गार्डियन की फरवरी 2020 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमे की वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। रिपोर्ट के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, घटना सीरिया के सरमाडा की है। वीडियो में अब्दुल्ला मोहम्मद और उनकी तीन साल की बेटी सलवा को सीरिया में गोलाबारी की आवाज पर हंसते हुए सुना जा सकता है। मोहम्मद, जो अपने परिवार को इदलिब से सरमाडा जिले में ले आए, उन्होंने अपनी बेटी को यह कहकर आघात से बचाने की कोशिश की कि बमों का शोर एक खेल का हिस्सा है।

आगे पड़ताल में हमे एसोसिएटेड प्रेस की फ़रवरी 25, 2020 की रिपोर्ट मिली जिसमे की वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। मीडिया से बात चीत में मोहम्मद ने बताया, “सलवा जीवन भर बमों की आवाज़ सुनती रही। एक बच्ची के रूप में कोई डर नहीं था, लेकिन उसके पहले वर्ष के बाद यह बदल गया। एक दिन, वे ईद-उल-फितर के दौरान साराक़ेब में घर पर थे, जो तीन दिवसीय मुस्लिम छुट्टी है जो रमज़ान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। बाहर बच्चे पटाखों के साथ जश्न मना रहे थे और पास में ही एक बड़ा विस्फोट हो गया।

उन्होंने याद करते हुए कहा, “वह डरी हुई थी, लेकिन मैंने उसे बाहर निकाला और दिखाया कि बच्चे खेल रहे थे और हंस रहे थे… उसे यकीन हो गया।” इसी तरह से उन्हें बमों की आवाज़ को हँसी और बच्चों के खेलने से जोड़ने और हर बार युद्धक विमानों के टकराने पर उसके साथ हँसते हुए खुद को फिल्माने का विचार आया।”

पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो तीन साल पूराना है और सीरिया का है। इसका इजरायल-फलस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से कोई लेना देना नहीं है। वायरल हो रहा दावा गतल है।