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फैक्ट चेक: बिहार में लौट आया नीतीश कुमार का जंगलराज? बिहार सरकार पर हमला कर रहा ये पोस्ट है फेक

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सोशल मीडिया पर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और उनकी सरकार पे निशाना साधते हुए एक पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट में दैनिक जागरण का  चिन्ह (Logo) और कुछ न्यूज़ हेडलाइंस नज़र आ रहे है। इस पोस्ट में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को बिहार में जंगलराज लेकर आने से जुड़े कैप्शन के साथ दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस तस्वीर को जमकर शेयर कर दावा कर रहे हैं कि जेडीयू और राजद के गठबंधन से बिहार में जंगलराजलौट आया है।

एक फेसबुक यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “बिहार कर रहा है त्राहिमाम…दौड़ा रहे अपराधी, गलियों में बरसा रहे गोलियां, सड़कों पर हो रही झपटमारी! #जुंगलेराजरेटरन्स #क्रिमिरतेही। ”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें

इस क्लेम को बीजेपी बिहार ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया।

इस पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पे कई लोगो ने इसी दावे के साथ शेयर किया।

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है।

पड़ताल की शुरुवात में हमने सबसे पहले कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें इस चित्र से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली।  इसके बाद हमने दैनिक जागरण के ऑफिसियल सोशल मीडिया हैंडल्स खंगाले, हमें वायरल पोस्ट से जुड़ी कोई भी पोस्ट दैनिक जागरण के ऑफिसियल हैंडल पर नहीं मिली, जिससे दावे की पुष्टि की जा सके।

इसके बाद हमने पोस्ट में दिए गए तीनो न्यूज़ हेडलाइंस (7 दिनों में 10 लोगों को मारी गोलियां, 7 की मौत, 6 थाना क्षेत्रों में बाइक सवार अपराधियों के आतंक से खतरे में महिलाएं, और 60 लाख की संपत्ति ले भागे चोर, पुलिस ने भी जोड़े हाथ) को बारी-बारी से इंटरनेट पे और ख़ास करके दैनिक जागरण की वेबसाइट पर सर्च किया, पर हमे यहां भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के फैक्ट चेक विंग (विश्वास न्यूज़) की पत्रकार और फैक्ट चेकर उर्वशी कपूर से बात की।  बात-चीत के दौरान उर्वशी ने इस पोस्ट को फेक बताया। उन्होंने कहा “सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट फेक है। ऐसी कोई भी खबर पब्लिश नहीं की गई। वायरल दावा पूरी तरह गलत है।” आगे उन्होंने कहा की जिस लोगो (लोगो) वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किया गया है, वो दैनिक जागरण के सोशल मीडिया पोस्ट में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

कुल मिलाकर दैनिक जागरण के नाम पर नितीश सरकार पे निशाना साधने वाला ये पोस्ट हमारी पड़ताल में फेक साबित हुआ।

पड़ताल के दौरान उपरोक्त प्राप्त तथ्यों से हमने जाना कि दैनिक जागरण के नाम पर नितीश सरकार पे निशाना साधने वाला ये पोस्ट हमारी पड़ताल में फेक साबित हुआ।