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फैक्ट चेक: क्या उत्तर प्रदेश को तीन राज्यों में बांटा जा रहा है? जानें क्या है सच्चाई

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सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में उत्तर प्रदेश राज्य को तीन अलग-अलग राज्यों में बांटा जाएगा।

फेसबुक पर एक यूजर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, “मॉनसून सत्र में उत्तर प्रदेश तीन राज्यों में बंटेगा, इसी की कवायद है। योगी उत्तर प्रदेश के CM रहेंगे। पश्चिम यूपी और बुंदेलखंड के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है। वैसे भी दुनिया के 150 देशों से ज्यादा आबादी को राज्य में समेटना आसान नहीं है जो इतने सालों से हो रहा है.”

उपरोक्त पोस्ट का लिंक यहाँ देखें। इसी तरह की पोस्ट आप यहां और यहां देखें सकते हैं।

फेसबुक पर पोस्ट वायरल हो गया है।

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल ने उपरोक्त दावे की जांच की और इसे झूठा पाया।

इस दावे का पता लगाने के लिए, हमने कुछ कीवर्ड के साथ खोज की, लेकिन उत्तर प्रदेश को तीन भागों में बांटने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कोई हालिया समाचार रिपोर्ट नहीं मिली। अगर इस तरह के प्रस्ताव को वास्तव में स्वीकार कर लिया जाता, तो निश्चित रूप से सभी प्रमुख मीडिया संगठनों द्वारा इसकी सूचना दी जाती।

हमने यह भी पाया कि उत्तर प्रदेश को कई राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव पहली बार 2011 में सामने आया, जब यूपी में बसपा सरकार ने राज्य के विभाजन के पक्ष में राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया और केंद्र को प्रस्ताव भेजा। हालांकि, इस प्रस्ताव को यूपीए सरकार ने हरी झंडी नहीं दी थी। 2013 में भी यह मुद्दा उठा था।

उत्तर प्रदेश के तीन भागों में बंटने का मुद्दा समय-समय पर उठता रहता है। 2017 में, इस मुद्दे को एक बार फिर यूपी के पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा प्रस्तावित किया गया था। उन्होंने बसपा को राज्य में सत्ता में आने पर यूपी के विभाजन का वादा किया था।

लेकिन, उत्तर प्रदेश को कई राज्यों में विभाजित करने के संबंध में कोई मीडिया रिपोर्ट और सरकार के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है।

यह खबर 2019 में भी वायरल हुई थी। यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने 2019 में एक साक्षात्कार में इस दावे को खारिज कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘यूपी को बांटने का कोई प्रस्ताव नहीं है। योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने भी इसका कोई प्रस्ताव नहीं है। सोशल मीडिया पर चल रहे दावे झूठे हैं। सरकार पूरे क्षेत्र की प्रगति से चिंतित है। किसी भी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। ऐसे में ऐसी मांगों को महत्व देना बेमानी है।”

आगे सर्च करने पर हमें केंद्र सर्कार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो का 12 जून, 2021 का एक ट्वीट मिला। ट्वीट में यह स्पष्ट किया गया था कि “यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश राज्य को तीन भागों में बांटने के बारे में नहीं सोच रही है।

इस प्रकार, उपरोक्त जानकारी से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के तीन भागों में बांटने का दावा झूठा है।

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