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तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले की अफवाह वायरल, फर्जी खबर फ़ैलाने वाले पर दर्ज हुई FIR

फाइल इमेज
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तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले की अफवाह वायरल, फर्जी खबर फ़ैलाने वाले पर दर्ज हुई FIR

 

तमिल नाडु में हाल ही एक कथित तौर पर बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले की खबर आयी थी। तमिलनाडु और बिहार की सरकारें इसे फर्जी खबर बता रही हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को चेतावनी दी कि जो कोई भी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी की जाएगी।

इस दौरान बिहार एसोसिएशन (तमिलनाडु) ने चेन्नई में कथित हमलों की अफवाहों के बीच बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ बैठक की। एक प्रवासी मजदूर ने कहा, “सभी खबरें झूठी हैं। हम लोग यहां अच्छे से रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। जो वीडियो वायरल हो रहा है वो पुराना है इसलिए सब डर गए हैं।”

 

इस खबर के फैलने के बाद तमिनाडु प्रशासन ने अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। तमिलनाडु पुलिस ने दो लोगों पर फेक न्यूज फैलाने का मुकदमा दर्ज किया है। तमिलनाडु पुलिस पहले ही कह चुकी है कि इस संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किए गए वो “फर्जी और भ्रामक” थे.

बता दें कि तमिलनाडु की पुलिस ने शनिवार (4 मार्च) को जिन लोगों पर कार्रवाई की है, उनमें से एक का नाम मोहम्मद तनवीर है, जो पत्रकार बताया जा रहा है। वहीं दूसरे शख्स का नाम प्रशांत पटेल उमराव है, जो बीजेपी का प्रवक्ता है। मोहम्मद तनवीर पर आरोप हैं कि उसने ट्विटर पर 2 वीडियो शेयर करके दावा किया था कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों पर हमले हो रहे हैं।

इसके साथ ही तमिल नाडु के सीएम एम.के स्टालिन ने कहा, बिहार के कई मजदूर तमिलनाडु में काम कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि मजदूरों को कोई नुकसान नहीं होगा। वह राज्य के विकास में मदद करते हैं और वह भी हमारे अपने हैं।

दरअसल, तमिलनाडु के तिरुपुर और कोयंबटूर जिलों से दो वीडियो वायरल हुए थे। दावा किया गया था कि बिहार के मजदूरों पर हमला किया गया है। इस मामले में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सिलेंद्र बाबू ने कहा, ”किसी ने यह कहते हुए झूठे और शरारती वीडियो पोस्ट किए कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया गया था। दो वीडियो पोस्ट किए गए थे। दोनों झूठे हैं, क्योंकि ये घटनाएं तिरुप्पुर और कोयम्बटूर में पहले हुई थीं।” डीजीपी ने कहा, पहला वीडियो बिहार के प्रवासी श्रमिकों के दो समूहों के बीच झड़प थी, जबकि दूसरा वीडियो कोयम्बटूर में दो स्थानीय निवासियों के बीच झड़प का था।”