नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार को लेकर हिंदुओं और जैनियों की याचिका पर गुरुवार को फैसला टाल दिया है. कोर्ट का कहना है कि इस मामले में नए सिरे से एक याचिका दाखिल की गई है.
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अपडेट
- अदालत ने गुरुवार को मामले को 24 अगस्त के लिए टाल दिया.
- अदालत ने कुतुब मीनार के परिसर में हिंदुओं और जैनियों के 27 मंदिरों के जीर्णोद्धार के संबंध में एक अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और वादी प्रस्तुत करते हैं कि वे अभियोग आवेदन का विरोध कर रहे हैं.
- मुख्य अपील में दावा किया गया कि कुतुब मीनार परिसर के अंदर मुख्य मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद हिंदुओं और जैनियों के 27 मंदिरों को नष्ट करके बनाई गई थी.
- परिसर में पूजा करने का कोई अधिकार नहीं दिया जा सकता क्योंकि कुतुब मीनार एक स्मारक है और प्राचीन स्मारक अधिनियम के अंतर्गत आता है.
- सूट ने दावा किया कि देवताओं के मंदिरों को “समान सम्मान और गरिमा” के साथ बहाल किया जाना चाहिए.