लंबे वक्त से चल रहे हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए हिजाब को धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं होने की बात कही। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है साथ ही स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं।
हिजाब मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले माह अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी. पूर्ण पीठ में मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं. फैसले से पहले, राज्य सरकार ने राज्य की राजधानी बेंगलुरु में “सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए” बड़ी सभाओं पर एक सप्ताह के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
क्या है विवाद का कारण
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
कर्नाटक सरकार ने यूनिफॉर्म को लेकर किया था फैसला
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू की थी। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।