आज 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है जिसे भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया बड़े उत्साह के साथ मना रही है। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम योग फॉर वेलनेस है। अब इसी मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा- ‘आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।’ पीएम मोदी ने कहा कि दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों, लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है बल्कि और बढ़ा है।
Addressing the #YogaDay programme. https://t.co/tHrldDlX5c
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2021
‘लोगों में बढ़ा योग के प्रति प्रेम’।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है। पिछले डेढ़ सालों में दुनिया के कोने-कोने में लाखों नए योग साधक बने हैं। योग का जो पहला पर्याय, संयम और अनुशासन को कहा गया है, सब उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास भी कर रहे हैं।
कोरोना काल में योग था ‘आत्मबल का एक बड़ा माध्यम’।
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा – ‘जब कोरोना के अदृष्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में, योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना।’
विश्व को, M-Yoga ऐप की मिलेगी शक्ति।
योग दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा- जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
यह भी कहाँ प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में –
- पीएम मोदी ने कहा कि दो साल से दुनियाभर के देशों और भारत में भले ही कोरोना के कारण बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे हैं लेकिन योग के प्रति लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है।
- कोरोना महामारी के दौरान उम्मीद की किरण बना है योग।
- डॉक्टरों और मरीजों ने अपनी सुरक्षा के लिए योग को बनाया माध्यम।
- योग बीमारी की जड़ तक ले जाता है और इससे आत्मबल मिलता है।
- योग नकारात्मकता से रचनात्मकता और स्ट्रेस से स्ट्रेंथ की ओर लेकर जाता है ।
- किसी स्थान, परिस्थिति या इंसान के लिए योग के पास समाधान है।
- आज योग की दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
- अब विश्व को M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग ट्रेनिंग के कई विडियोज दुनिया की अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
- ये आधुनिक टेक्नोलॉजी और प्राचीन विज्ञान के फ्यूजन का भी एक बेहतरीन उदाहरण है।
- उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि M-Yoga ऐप योग का विस्तार दुनिया भर में करने और एक विश्व, एक स्वास्थ्य (One World, One Health) के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
- जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि यह योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो।
आज इस दिशा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।