केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को लेटर लिखकर एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ अपना बयान वापस लेने के बात कहने के तुरंत बाद ही बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया है। बाबा रामदेव ने भी एक लेटर डॉ हर्षवर्धन के नाम लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि वो हर चिकित्सा पद्धति का सम्मान करते हैं। रामदेव ने कहा कि उन्होंने एक कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में वॉट्सअप मैसेज को पढ़ा था। फिर भी अगर किसी को उस बयान से परेशानी हुई तो मुझे खेद है।
क्या लिखा है रामदेव ने अपने माफ़ी वाले पत्र में ?
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के साथ अपना पत्र पोस्ट करते हुए बाबा रामदेव ने ट्विटर पर लिखा कि माननीय श्री डॉ हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।
माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने भी लिखा था खत।
इससे कुछ ही देर पहले स्वास्थ्य मंत्री ने रामदेव के बयान को आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। हर्षवर्धन ने लिखा, ‘आशा है कि आप दुनिया भर के कोरोना योद्धाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपना आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान पूरी तरह से वापस लेंगे।’
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
एलोपैथी को बेकार, नाटक बताना दुर्भाग्यपूर्ण: हर्षवर्धन।
इससे पहले, हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिए गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था। उन्होंने कहा, ”आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर और देश की भावनाओं को आहत करता है। एलोपैथी पर आपका बयान स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ सकता है। इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हो सकती है।” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलोपैथी दवाओं ने करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है और यह टिप्पणी ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इससे लाखों लोगों की जान गई है। आप भी जानते हैं कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में बेशुमार स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी। आप एलोपैथी चिकित्सा को नाटक, बेकार और दिवालिया कह रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
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बाबा रामदेव के बयान वापस लेने के बाद हर्षवर्धन ने सराहा।
बाबा @yogrishiramdev जी ने एलोपैथिक चिकित्सा पर अपना बयान वापस लेकर जिस तरह पूरे मामले को विराम दिया है, वह
स्वागतयोग्य व उनकी परिपक्वता का परिचायक है।हमें पूरी दुनिया को दिखाना है कि भारत के लोगों ने किस प्रकार डट कर #COVID19 का सामना किया है। नि:संदेह हमारी जीत निश्चित है ! https://t.co/0XVXULVrH0
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, बाबा रामदेव का एलोपैथी को बेवकूफी भरा बताने वाला एक वीडियो वायरल हुआ था। इसको लेकर डॉक्टरों ने आपत्ति जताई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भी भेजा है।
IMA HQs Press Release on 22.05.2021 pic.twitter.com/rrc1LXA24n
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) May 22, 2021
इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी रविवार को बाबा को पत्र लिखकर बयान वापस लेने का आग्रह किया था। अब रामदेव द्वारा उनका बयान वापस लिया जा चूका है।