कोरोना संकट के बाद अब ब्लैक फंगस यानी Mucormycosis का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से इसे महामारी घोषित करने की अपील की है । दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय की अपील है कि राज्य इसे महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत एक उल्लेखनीय बीमारी के रूप में वर्गीकृत करें।
इतना ही नहीं, इससे निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में सभी सुविधाएं मजबूत करने की अपील की है। बता दे तेलंगाना और राजस्थान ने तो इसे महामारी घोषित कर दिया है।
कौन हो रहे है ब्लैक फंगस के शिकार ?
ब्लैक फंगस खासकर उन लोगों को संक्रमित कर रहा है जो कोरोना संक्रमित थे और संक्रमण के दौरान इम्युनिटी बढ़ाने के लिए स्टेरॉएड का इस्तमाल कर रहे थें। इन संक्रमित होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग डायबटीज के पेशेंट थे। यह फंगस इतना खतरनाक है कि इससे इंसान की आंखों की रोशनी तो खत्म हो ही सकती है, जान भी जान सकती है।
दिल्ली में भी लगातार बढ़ रहे है मामले।
इधर दिल्ली के अस्पतालों में म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अब 200 के पार हो चुकी है। इस संक्रमण के 80 मरीज AIIMS हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जबकि 51 मरीज सर गंगाराम हॉस्पिटल में हैं। इतना ही नहीं, ब्लैक फंगस के कई मरीज ऐसे भी हैं, जो बेड के इंतजार में वेटिंग लाइन में खड़े हैं।
म्यूकोर्मिकोसिस के 25 से ज्यादा मरीज मैक्स के सभी अस्पतालों में भर्ती हैं। मैक्स हॉस्पिटल ने ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है। सर गंगाराम हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ डीएस राणा ने बताया कि अभी हमारे पास 51 ब्लैक फंगस के मरीज हैं और कुछ मरीज वेटिंग में भी हैं। 51 मरीजों में से 22 कोविड पॉजिटिव हैं, जबकि बाकी मरीज नेगेटिव हो चुके हैं।
क्या है म्यूकोरमाइकोसिस?
अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।