सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कर्नाटक में मुस्लिमों के लिए 4 % OBC आरक्षण खत्म करने का मामला
कर्नाटक में चल रहा मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने का मामला आज यानी बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट सूचीबद्ध होने पर सहमत हो गया। हालांकि, इसे लेकर SC की ओर से तारीख नहीं दी गई है।
दरअसल, कर्नाटक में राज्य सरकार ने मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण को खत्म करने का फैसला किया था। इसी पर एक मुस्लिम संगठन ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच को बताया कि यह 4 प्रतिशत आरक्षण रद्द किए जाने के खिलाफ है। इस पर सुनवाई होनी चाहिए। इस पर सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कपिल सिब्बल की दलीलों पर ध्यान दिया और कहा कि वह इसे सूचीबद्ध करेंगे।
गौरतलब है कि 25 मार्च को कर्नाटक की राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने 2(बी) श्रेणी को ख़त्म कर दिया। कर्नाटक सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुसलमानों के लिए चार फीसदी कोटा समाप्त करते हुए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की दो नयी श्रेणी की घोषणा की थी।
इसके मुताबिक अब मुसलमानों को दिया गया 4% आरक्षण अब लिंगायत और वोक्कालिंगा के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा। कोटे के लिए पात्र मुसलमानों को अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के तहत वर्गीकृत किया गया है। राज्य सरकार के फैसले ने आरक्षण की सीमा को अब लगभग 57 प्रतिशत कर दिया है। बता दें कि कर्नाटक में मई महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह मामला तूल पकड़ सकता है।