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फैक्ट चेक: CAA-NCR के प्रदर्शन के वीडियो हालिया दिनों का बताकर किया जा रहा है वायरल, जानें पूरा सच

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फैक्ट चेक: CAA-NCR के प्रदर्शन के वीडियो हालिया दिनों का बताकर किया जा रहा है वायरल, जानें पूरा सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक महिला को कुछ पुलिसकर्मी पकड़कर पुलिस वाहन में बैठते हुए नज़र आ रहे हैं। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हालिया दिनों का है।

फेसबुक पर वायरल वायरल वीडियो शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “बुर्क़ा पहन कर शाहीन बाग में दंगा फैलाने पहुँची “मोदी भक्त” पकड़ी गई. पाकिस्तान ज़िंदा बाद के नारे लगाकर यही जिन्ना की औलाद देश में नफ़रत फैलाने में लगे हैं. इनको सत्ता का संरक्षण मिला है.”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं है।  

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने का शक हुआ इसलिए सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। सबसे पहले हमने वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल लेंस के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो वीडियो ABP न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। जिसे फरवरी 05, 2020 को अपलोड किया गया था।

 

प्राप्त यूट्यूब वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, वीडियो में दिख रही महिला का नाम गूंजा कपूर है, जो एक यूट्यूबर है। रिपोर्ट में बताया गया कि गूंजा कपूर बुर्का पहनकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर वीडियो बना रही थी और प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछ रही थी। इस पर लोगों को शक हुआ और लोगों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। वीडियो के मुताबिक यह घटना साल 2020 के दौरान की है।

पुष्टि के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर फरवरी 05, 2020 को छपे एक लेख में मिला।

खबर के अनुसार,”शाहीन बाग में यूट्यूब चैनल चलाने वाली गुंजा कपूर बुर्का पहनकर पहुंची थीं और लोगों से पूछताछ कर रही थी। इसपर प्रदर्शनकारियों को उसपर शक हुआ। प्रदर्शनकारियों ने गूंजा कपूर को घेर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। गुंजा कपूर पर प्रदर्शन के दौरान छिपकर वीडियो बनाने का आरोप है।”

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2020 के दौरान देश में लागू हुए CAA-NRC के दौरान हुए प्रदर्शन के दौरान का है जिसे हालिया दिनों में भ्रम फ़ैलाने के लिए शेयर किया जा रहा है।

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