केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने शनिवार को दावा किया कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने स्वीकार किया है कि भविष्य में यदि बोलने वाले कंप्यूटर एक वास्तविकता बन जाते हैं, तो यह मुख्य रूप से संस्कृत, दुनिया की एकमात्र वैज्ञानिक भाषा के योगदान के कारण होगा.
पोखरियाल ने संस्थान के 57 वें दीक्षांत समारोह में आईआईटी-बॉम्बे में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,“नासा के अनुसार निकट भविष्य में अगर एक बात करने वाला कंप्यूटर वास्तविकता बनता है, तो यह केवल संस्कृत के कारण ही संभव होगा. नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को उसी तरह से लिखा जाता है जिस तरह से वे बोले जाते हैं.”
Union Human Resource Development Minister, Ramesh Pokhriyal 'Nishank': Who did research on atoms & molecules? The one who researched on atoms and molecules, discovered them, was Charak Rishi. (10.8.19) https://t.co/d0yMBLnVwz
— ANI (@ANI) August 10, 2019
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मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह भी दावा किया कि चरक ऋषि, आयुर्वेद के प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक थे, वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने परमाणुओं और अणुओं पर शोध किया और खोज की.
उन्होंने आगे कहा कि कि सच तो ये है कि हम अपने ज्ञान और विज्ञान को दुनिया के सामने सही तरीके से पेश नहीं कर सके.
उन्होंने कहा कि अगर आप भारतीय ज्ञान विज्ञान को देखें तो ऐसे कई शोध हैं जिसका उपयोग आज किया जा रहा है. वो न सिर्फ प्रामाणिक हैं बल्कि आम लोगों के लिए फायदेमंद भी.