देवउठनी एकादशी आज, श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, यहाँ जानें पूजा की सही विधि और मुहूर्त
देश में आज यानी मंगलवार को देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है। यह पर्व पूर्ण रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। मान्यता है कि जो भक्त इस दौरान भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
#WATCH हरिद्वार (उत्तराखंड): देवउठनी एकादशी के अवसर पर भक्तों ने हर की पौड़ी पहुंचकर गंगा नदी में पावन स्नान किया। pic.twitter.com/5gVayxoWd4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 12, 2024
देवउठनी एकादशी पर शाम के समय देव को निद्रा से उठाया जाता है। आइए जानते हैं देव उठाने एकादशी भगवान विष्णु को उठाने की विधि और मंत्र।
मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले भगवान के मंदिर को फूल, पत्तों, पुष्प वंदनवार आदि से सजाया जाता है। विष्णुपूजा या ‘पंच देव पूजा विधान’ अथवा ‘रामार्चनचन्द्रिका’ आदि के अनुसार भली प्रकार पूजा की जाती है। पूजा के लिए घी के दीपक या कपूर का दीपक जलाएं। इसके बाद ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय‘ मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है।
देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को उठाने के लिए सबसे पहले भगवत्कथा और पुराणादिका श्रवण और भजन आदि का ‘गायन’ किया जाता है। घंटा, शंख, मृदंग, नगारे और वीणा आदिका ‘वादन’ और विविध प्रकार के देवोपम खेल-कूद, लीला और नाच आदि के द्वारा भगवान को जगाएं।