Hindi Newsportal

तीन तलाक विधेयक पर बिगड़ा विपक्ष, ओवैसी ने बिल को बताया असंवैधानिक

File Image
0 716

शुक्रवार को 17 वीं लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019′ पेश किया गया.

जैसे ही यह विधेयक कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा पेश किया गया, विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में यदि पति को तीन साल की कारावास की सजा मिलती है तो पत्नी को उस दौरान जीवन यापन के लिए मुआवजा कौन देगा.

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं की परवाह नहीं करती है और महिला अधिकारों पर सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सबरीमाला मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि “आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है तो केरल की महिलाओं से क्यों नहीं है. आप सबरीमाला के पक्ष में क्यों थे.”

उन्होंने सदन में तो इस विधेयक का विरोध किया ही, इसके बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए भी उन्होंने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा,”ट्रिपल तालाक बिल असंवैधानिक है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है. हमारे पास पहले से ही घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, सीआरपीसी धारा 125, मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम है. अगर ट्रिपल तालाक बिल एक कानून बन जाता है तो यह महिलाओं के खिलाफ और भी बड़ा अन्याय होगा.”

उन्होंने आगे कहा,”अगर कोई आदमी गिरफ्तार हो जाता है, तो वह जेल से भत्ता कैसे देगा? सरकार का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति इस अपराध को करता है तो विवाह बरकरार रहेगा और अगर उसे अदालत द्वारा दंडित किया जाता है तो उसे 3 साल की जेल होगी. वह 3 साल के लिए जेल जाएगा लेकिन शादी बरकरार रहेगी! मोदी क्या कानून बना रहे हैं?”

ALSO READ: योग को गांवों तक ले जाने का समय आ गया है: 5 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम…

प्रधानमंत्री मोदी पर वार करते हुए उन्होंने कहा,”मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि यह किस तरह का न्याय है कि अगर किसी गैर-मुस्लिम आदमी पर ऐसा कानून लागू होता है तो वह 1 साल के लिए जेल जाता है और मुस्लिम व्यक्ति 3 साल के लिए जेल जाता है.”

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि वह तीन तालाक के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसे आपराधिक अपराध बनाने का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि बिल का दायरा सभी समुदायों और धर्मों की महिलाओं तक बढ़ाया जाना चाहिए.

रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी सांसदों के विरोध के जवाब में कहा, मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी क्योंकि विधेयक न्याय और महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में है। “लोगों ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है. कानून बनाना हमारा काम है. यह कानून ट्रिपल तालक के पीड़ितों को न्याय देना के लिए है.

कानून मंत्री ने संसद के बाहर पत्रकारों से बात की और विपक्ष द्वारा तीन तलाक विधेयक का विरोध किये जाने पर बयान दिया. उन्होंने कहा,”यह बहुत तकलीफ की बात थी कि कांग्रेस ने ट्रिपल तालक विधेयक की शुरुआत का विरोध किया. इससे पहले उन्होंने इसका विरोध नहीं किया था, पिछली बार वे लोकसभा से बाहर चले गए थे. लेकिन आज वे श्री ओवैसी जी के साथ बैठे थे, जो इसका विरोध कर रहे थे.”

सदन में तीन तलाक़ पर हुई चर्चा पर बोलते हुए उन्होंने कहा,” हमने हमेशा कहा है कि ट्रिपल तालाक न तो धर्म का मुद्दा है और न ही प्रार्थना का और न ही किसी अन्य सांप्रदायिक विचार का. यह ‘इंसाफ’ का एक शुद्ध और सरल मुद्दा है – महिला न्याय, महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण.”

उन्होंने कांग्रेस पार्टी को तीन तलाक़ का विरोध करने को लेकर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा,”सोनिया गांधी जी जैसी महिला नेता कांग्रेस पार्टी की नेता हैं, फिर भी कांग्रेस पार्टी लोकसभा में महिला विरोधी पक्ष लेती है, यहाँ तक कि विधेयक को भी पेश करने का विरोध करती है, मुझे कहना होगा कि यह न केवल दर्दनाक है बल्कि खेदजनक है.”

बता दें कि 16 वीं लोकसभा में इस विधेयक को पास कर दिया गया था, लेकिन राज्यसभा में यह अटक गया था, जिसके कारण पिछले महीने 16 वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था.

सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था, लेकिन राज्यसभा में अटक जाने के कारण 17 वीं लोकसभा में इस पर नए सिरे से कार्रवाई शुरू की जाएगी.

‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019′ के अंतर्गत तीन तलाक अवैध माना गया है, जिसके लिए पति को तीन साल की कैद की सजा का प्रावधान है.

You might also like

Leave A Reply

Your email address will not be published.