पिछले कुछ दिनों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) सुर्खियों में है। लेकिन इस दवा के बारे में ऐसा क्या है जो इसकी इतनी मांग में हैं. ये एक मलेरिया रोधक दवा है जिसे क्लोरोक्वीन से कम toxic माना जाता है। इसका इस्तेमाल ऑटोइम्यून रोगों (Arthritis) और ल्यूपस (एक ऑटोइम्यून बीमारी) के इलाज में किया जाता है। यह दवा सार्स-सीओवी-2 पर असर डालता है।
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क्या Hydroxycholoroquine कोरोनावायरस को ठीक कर सकती हैं ?
हालांकि अभी कुछ clinical trials चले रहे हैं, लेकिन अभी इसके कोई सबूत नहीं है कि hydroxychloroquine कोविद -19 के खिलाफ काम करती है।
फिर भी, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने संदिग्ध या confirmed किए गए कोविद -19 मामलों की देखभाल करने वाले asymptomatic हेल्थ वर्कर्स यानि जिनमे कोरोना के कोई लक्षण दिख रहे हो, उनके लिए इस दवा के इस्तेमाल को कहा हैं. हालांकि, ICMR ने यह भी कहा हैं कि इस दवा का इस्तेमाल केवल किसी डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही किया जाये।
भारत ने Hydroxychloroquine के export पर रोक क्यों लगायी है?
ICMR द्वारा healthcare workers के लिए hydroxychloroquine के इस्तेमाल करने की सिफारिश के बाद, रोगियों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने इस दवा को लेना शुरू कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत को बड़ी मात्रा में इस दवा की जरूरत पढ़ सकती है, इसलिए, export को रोक दिया गया।
इस सब के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कैसे आये ?
ट्रम्प ने कोरोना से लड़ने को hydroxychloroquine को एक “game-changer” बताया। 6 अप्रैल को उन्होंने कहा कि अगर भारत अमेरिका को इसकी supply नहीं करेगा तो भारत retaliaton यानि जवाबी करवाई के लिए तैयार रहे.
तो hydroxychloroquine के निर्यात यानि export पर भारत का क्या रुख है?
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका पहला दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि उसके अपने लोगों के लिए दवाओं के पर्याप्त स्टॉक हो और उसके बाद ही भारतीय कंपनियों को निर्यात को पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।
भारत सरकार ने यह साफ़ कर दिया हैं कि hydroxychloroquine को licensed category में रखा जाएगा और इसकी मांग की स्थिति पर बराबर नज़र राखी जाएगी। इसके अलावा भारत ने अपने सभी पड़ोसी देशों को और उन कुछ देशों को जो कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं, उनको उचित मात्रा में पेरासिटामोल और hydroxycholoroquine देगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘असाधारण समय में भी दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग की जरूरत होती है. हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन पर निर्णय के लिए भारत और भारतीय लोगों को धन्यवाद. ये भुलाया नहीं जा सकेगा. इस लड़ाई में न केवल भारत, बल्कि मानवता की मदद करने के लिए अपने मजबूत नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद.’
पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके जवाब में अपने ट्विटर पर लिखा, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, मैं आपकी बात से पूरी तरह से सहमत हूं. ऐसे मुश्किल समय में दोस्त करीब आते हैं. भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत है. भारत कोरोना के खिलाफ मानवता की लड़ाई में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. हम इस पर एक साथ जीतेंगे.”
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
India shall do everything possible to help humanity’s fight against COVID-19.
We shall win this together. https://t.co/0U2xsZNexE
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2020