प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने संबंधी अहम फैसलों को अंतिम रूप दिया है। पीएमओ की ओर जारी बयान में कहा गया है कि नीट-पीजी को कम से कम चार महीने के लिए स्थगित किया गया है, जिससे कोविड-19 ड्यूटी के लिए बड़ी संख्या में योग्य चिकित्सक उपलब्ध होंगे। बैठक में कई फैसले लिए गए है जिनमें ये सारे एहम है।
- बैठक में फैसला किया गया है कि NEET-PG के एग्जाम कम से कम चार महीने आगे बढ़ाए जाएंगे।
- इन्हें 31 अगस्त से पहले नहीं कराया जाएगा।
- इतना ही नहीं एग्जाम की ऐलान के बाद स्टूडेंट्स को तैयारियों के लिए कम से कम एक महीने का समय मिलेगा।
- इससे बड़ी संख्या में क्वालिफाई डॉक्टर्स कोरोना ड्यूटी में उपलब्ध होंगे।
- यह भी फैसला किया गया कि मेडिकल इंटर्न को कोविड ड्यूटी के दौरान लगाया जाएगा। ये फैकल्टी के सुपरविजन में रहेंगे।
- एमबीबीएस अंतिम साल के छात्रों की सेवाओं का इस्तेमाल फोन पर परामर्श और हल्के कोरोना के लक्षण वाले मामलों की निगरानी के बाद सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
- इससे कोरोना ड्यूटी में लगे मौजूदा डॉक्टरों पर काम के बोझ को कम किया जा सकेगा।
- फाइनल ईयर पीजी स्टूडेंट्स की सेवाओं का इस्तेमाल तब तक किया जा सकता है जब तक कि पीजी स्टूडेंट्स के नए बैच जुड़ नहीं जाते।
- BSc/GNM नर्सों का इस्तेमाल वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों के सुपरविजन में फुल टाइम कोरोना नर्सिंग में किया जा सकता है।
- इतना ही नहीं जो लोग कोरोना के दौरान 100 दिन ड्यूटी करेंगे, उन्हें आने वाले समय में सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
- जिन मेडिकल स्टूडेंट्स को ड्यूटी पर लगाया जाएगा, उनका प्रॉपर तरीके से वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना में लगे हेल्थ वर्कर्स की तरह वे भी केंद्र की बीमा स्कीम में कवर होंगे।
- ऐसे सभी प्रोफेशनल जो कोरोना के खिलाफ 100 दिन की ड्यूटी के लिए तैयार होंगे, और इसे पूरा करेंगे, उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री का प्रतिष्ठित कोरोना राष्ट्रीय सेवा सम्मान भी दिया जाएगा।