पतंजलि ने कुछ दिनों पहले ही कोरोना के इलाज के लिए करोनिल नाम की एक दवाई एक रिसर्च पेपर के साथ लॉन्च की थी। इसके लॉन्च के साथ ही ढाबा था की ये दवाई WHO से सर्टिफाइड है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते दिन इस बात को स्पष्ट कर के सारे विवादों पर विराम लगा दिया है कि उसने कोरोना के ट्रीटमेंट यानी इलाज के लिए किसी भी ट्रेडिशनल मेडिसिन (आयुर्वेदिक दवाई) के असर का ना कोई रिव्यू किया है ना ही किसी को सर्टिफिकेट दिया है। गौरतलब है कि WHO का ये बयान पतंजलि आर्युवेद के उस दावे के महज एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि कोरोनिल दवा को WHO की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मिनिस्ट्री से सर्टिफिकेट मिला हुआ है।
ट्वीट कर लगाया सारे प्रश्नों पर विराम।
अब WHO के दक्षिण पूर्व एशिया के रीजनल ऑफिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया कि WHO ने किसी भी ट्रेडिशनल दवा का कोविड-19 के इलाज को लेकर सर्टिफिकेशन नहीं किया है।
.@WHO has not reviewed or certified the effectiveness of any traditional medicine for the treatment #COVID19.
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) February 19, 2021
पतंजलि ने भी किया इस बात को स्पष्ट।
इस मामले पर पतंजलि आर्युवेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने भी ट्वीट किया है कि कोरोनिल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) यानी डीसीजीआई (DCGI) ने फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट सर्टिफिकेट (Certificate of Pharmaceutical Product) यानी सीपीपी (CPP) दिया है।
करोनिल को नहीं मिला है WHO से सर्टिफिकेट – पतंजलि।
पतंजलि आर्युवेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने आगे ये खुद बताया कि पतंजलि सिर्फ लोगों का कनफ्यूजन दूर करते हुए बात को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा था और यह साफ है कि WHO किसी भी दवा को मंजूर या नामंजूर नहीं करता है।
We want to clarify to avoid confusion that our WHO GMP compliant COPP certificate to Coronil is issued by DCGI, Government of India.
It is clear that WHO do not approve or disapprove any drugs.
WHO works for building a better, healthier future for people all over the world. pic.twitter.com/ZEDPdWy0tg— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) February 19, 2021
क्या है मामला ?
दरअसल बीते शुक्रवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने एक बार फिर से कोरोना की दवा कोरोनिल लॉन्च की थी। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। इस लांच के दौरान रामदेव ने कथित रूप से दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है। दावा ये भी था कि WHO ने इसे GMP यानी ‘गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिकेट दिया है। रामदेव ने इस दौरान ये भी कहा कि यह दवा ‘एविडेंस बेस्ड’ है और फिर एक रिसर्च बुक भी उन्होंने लॉन्च की थी। उन्होंने आगे कहा था, “कोरोनिल के संदर्भ में नौ रिसर्च पेपर दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। 16 रिसर्च पेपर पाइपलाइन में हैं।”
कोरोना किट पर छिड़ा था विवाद।
बता दे पतंजलि ने पिछले साल जून में ‘कोरोना किट’ लॉन्च की थी। इस पर खासा विवाद गरमाया था। दरअसल रामदेव ने तब ‘कोरोनिल’ को कोरोना की दवा के रूप में लॉन्च किया था लेकिन आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि ‘कोरोनिल’ को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर बेच सकता है। जिसके बाद रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि “मंत्रालय ने उनसे ‘कोविड का इलाज’ की जगह ‘कोविड प्रबंधन’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहा है।”