अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का G7 बैठक से अचानक अमेरिका लौट आना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। न्यूज़ मोबाइल के फाउंडर सौरभ शुक्ला ने इस घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए बताया कि ट्रंप की वापसी के पीछे कई घरेलू और रणनीतिक कारण छिपे हैं। सौरभ शुक्ला के अनुसार, ट्रंप को अमेरिका लौटकर अपने शीर्ष रणनीतिक सलाहकारों के साथ एक सीक्रेट बैठक में शामिल होना था। यह बैठक व्हाइट हाउस में आयोजित की गई थी, जिसमें इज़राइल-ईरान तनाव के बीच अमेरिका की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण रणनीति तय की जानी थी।
इस निर्णय के पीछे घरेलू राजनीति का भी गहरा असर रहा। रिपब्लिकन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने ट्रंप पर दबाव बनाया कि वे इज़राइल को लेकर स्पष्ट और निर्णायक नेतृत्व दिखाएं। दरअसल, नेतन्याहू इस समय पश्चिम एशिया संकट में ‘ड्राइविंग सीट’ पर हैं और अमेरिका से पूरी सैन्य और राजनीतिक समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।
सौरभ शुक्ला बताते हैं कि ट्रंप प्रशासन का एक बड़ा रक्षा बजट बिल सीनेट में अटका हुआ है। इस बिल को पारित कराने के लिए ट्रंप को रिपब्लिकन सीनेटरों का समर्थन चाहिए, जो इज़राइल को स्पष्ट समर्थन देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ट्रंप के लिए यह ज़रूरी हो गया था कि वे G7 से जल्दी लौटकर घरेलू राजनीतिक समीकरण साधें।
हालांकि, सौरभ शुक्ला के अनुसार, अमेरिका फिलहाल इस टकराव में सीधे शामिल नहीं होगा। व्हाइट हाउस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमेरिका की मौजूदा रणनीति यह है कि वह इज़राइल को पूरी कूटनीतिक और सैन्य सहायता देगा, लेकिन प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप से बचा जाएगा। अमेरिका नहीं चाहता कि ईरान किसी भी स्थिति में न्यूक्लियर पावर बने।
ट्रंप प्रशासन पहले भी ईरान के साथ किसी प्रकार की समझौता वार्ता को आगे बढ़ाना चाहता था, लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हो पाए। ऐसे में अब ट्रंप के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे इज़राइल के पक्ष में मजबूती से खड़े दिखें।
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