प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनाडा के कनानास्किस में 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में क्रोएशिया के ज़ाग्रेब के लिए रवाना हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानसकीस में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा पर आउटरीच सत्र में भाग लिया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने एक स्थायी और हरित मार्ग के माध्यम से सभी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और इस उद्देश्य की दिशा में भारत की वैश्विक पहलों जैसे आईएसए, सीडीआरआई और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के बारे में विस्तार से बताया. वैश्विक दक्षिण की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को विश्व मंच पर लाने को अपनी ज़िम्मेदारी के रूप में लिया है. प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाने और इसे लागू करने में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में भारत के अनुभव को दोहराया. उन्होंने AI की चिंताओं से निपटने और क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक शासन के मुद्दों को संबोधित करने का आह्वान किया.
कनाडा के कनानास्किस में जी7 आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से, ग्लोबल साउथ के देश अनिश्चितता और संघर्षों से सबसे अधिक पीड़ित हैं. वे खाद्य, ईंधन, उर्वरक और वित्त से संबंधित संकटों से सबसे पहले प्रभावित होते हैं. भारत ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर लाना अपनी जिम्मेदारी समझता है.”
कनाडा में आतंकवाद पर बोले पीएम मोदी
कनाडा के कनानास्किस में जी7 आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आतंकवाद मानवता का दुश्मन है. यह उन सभी देशों के खिलाफ है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हैं. वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारे विचार और नीतियां स्पष्ट होनी चाहिए. अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला न केवल पहलगाम पर हमला था, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर भी हमला था. यह पूरी मानवता पर हमला था.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक तरफ हम अपनी पसंद के आधार पर सभी तरह के प्रतिबंध लगाने में तत्पर रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद का खुलकर समर्थन करने वाले देशों को पुरस्कृत किया जाता है.”
कनाडा के कनानास्किस में जी7 आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला न केवल पहलगाम पर हमला था, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर भी हमला था. यह पूरी मानवता पर हमला था.”
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.