राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को भारत के हिन्दू- मुसलमान को लेकर कई बयान दिए है जिससे अब वो सुर्ख़ियों में है। इतना ही नहीं अब उनके बयानों के बाद प्रतिक्रियाएं आने लगी है। दरअसल क पुस्तक के विमोचन के दौरान संघ प्रमुख की ओर से 5 बड़ी बातें की गई है।
‘सभी भारतीयों का DNA एक’ – भागवत।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू- मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक हैं क्योंकि यह दोनों अलग नहीं बल्कि एक है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहें वो किसी भी धर्म के क्यों न हो। लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि हम 40 हजार साल से एक ही पूर्वज के वंशज हैं। भारत में लोगों का डीएनए एक जैसा है।
It has been proven that we’re descendants of the same ancestors from the last 40,000 years. People of India have same DNA. Hindu & Musilm are not two groups, there is nothing to unite, they're already together: RSS Chief Mohan Bhagwat in Ghaziabad pic.twitter.com/q1kOF1GmI3
— ANI UP (@ANINewsUP) July 4, 2021
इस्लाम खतरे में होने के भय चक्र में न फंसें मुसलमान : RSS प्रमुख।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भय के इस चक्र में न फंसे कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उन्होंने कहा कि विकास देश में एकता के बिना संभव नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान ‘संवाद’ है, न कि ‘विसंवाद’। उन्होंने कहा कि भारत में इस्लाम को किसी तरह का खतरा नहीं है। मुसलमानों को इस तरह के किसी डर में नहीं रहना चाहिए।
If a Hindu says that no Muslim should live here, then the person is not Hindu. Cow is a holy animal but the people who are lynching others are going against Hindutva. Law should take its own course against them without any partiality: RSS chief Mohan Bhagwat in Ghaziabad pic.twitter.com/ZcBS5X6mF5
— ANI UP (@ANINewsUP) July 4, 2021
मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर कानून को बिना किसी पक्षपात के करना चाहिए काम ।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे लोग हिंदुत्व के खिलाफ है। गाय एक पवित्र जानवर है लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए।
There are some works that politics can’t do. Politics can't unite people. Politics can’t become tool to unite people but can become a weapon to distort unity: RSS Chief Mohan Bhagwat at launch of 'The Meetings of Minds: A Bridging Initiative, written by Dr Khawaja Iftikhar Ahmed' pic.twitter.com/l2hsI0HV2R
— ANI UP (@ANINewsUP) July 4, 2021
इधर प्रमुख मोहन भागवत की ओर से मॉब लिंचिंग पर दिए बयान के बाद AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कटाक्ष किया है। दरअसल ओवैसी ने आरोप लगाया कि लिंचिंग का शिकार हर बार मुसलमान ही बनते हैं और ये नफरत हिंदुत्व की देन है जिसे सरकार का समर्थन हासिल है।
RSS के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
लिंचिंग में शामिल मुजरिमों को सरकार सह देने का करती है काम – ओवैसी।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए संघ प्रमुख के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि लिंचिंग में शामिल मुजरिमों को सरकार सह देने का काम करती है।
कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 3/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021