भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देने वाले छह अहम समझौतों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के बीच पोर्ट ऑफ स्पेन में हुई मुलाकात के दौरान ये समझौते हुए। दोनों देशों ने बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल ट्रांजैक्शन और यूपीआई जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों के दौरे के दूसरे चरण में गुरुवार को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे। यह वर्ष 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस कैरेबियाई देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के विशेष संबंधों को मजबूती मिली है। त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने भी मोदी की यात्रा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
इस दौरे में जिन छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, उनमें फार्माकोपिया, त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाएं, संस्कृति, खेल और कूटनीतिक प्रशिक्षण से जुड़े विषय शामिल हैं। दोनों देशों ने भारत-कैरिकॉम साझेदारी को भी आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। कैरिकॉम, कैरेबियाई क्षेत्र के 15 सदस्य देशों का संगठन है, जो आर्थिक सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देने का काम करता है।
भारत सरकार ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की छठी पीढ़ी को भारत की विदेशी नागरिकता यानी ओसीआई कार्ड देने की घोषणा की है। यह कदम दोनों देशों के सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पीएम मोदी और प्रधानमंत्री बिसेसर के बीच जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ। मोदी ने बिसेसर को भारत आने का न्योता भी दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने त्रिनिदाद की संसद को भी संबोधित किया और भारत और वेस्टइंडीज के बीच क्रिकेट को लेकर साझा जुनून का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भारतीय, वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सबसे बड़े प्रशंसकों में से हैं, सिवाय इसके कि जब वो भारत के खिलाफ खेलते हैं।”
त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। इस कैरेबियाई राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद के विस्तार की भी मांग की। वहीं, भारत ने त्रिनिदाद को सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट देने की वकालत की।
पीएम मोदी ने एलान किया कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो के पंडितों को भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें भारत में होने वाले गीता महोत्सव में भाग लेने का भी मौका मिलेगा। जवाब में प्रधानमंत्री बिसेसर ने घोषणा की कि त्रिनिदाद में भारत के सहयोग से गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच राजनयिक संबंध 31 अगस्त 1962 को स्थापित हुए थे। उसी साल त्रिनिदाद ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी। दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक संबंध रहे हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा इन संबंधों को एक नई ऊर्जा देने वाली मानी जा रही है।
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