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ऑपरेशन सिंदूर सीमित लेकिन निर्णायक स्ट्राइक, दुश्मन को मिला करारा जवाब: राजीव घई

भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने खुलासा किया है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुरिदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। उन्होंने बताया कि ये स्ट्राइक 7 मई की सुबह की शुरुआती घंटों में की गई थीं, जिनमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि मुरिदके लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है, और वायुसेना की स्ट्राइक में इसी इलाके को निशाना बनाया गया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमले की पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाईं, जिनसे साफ पता चलता है कि कई आतंकी ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए।


डीजीएमओ के मुताबिक, इन इलाकों में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के बीच खुले गठजोड़ के प्रमाण मिले हैं। उन्होंने कहा, “हमें खुद भी यह देखकर हैरानी हुई कि उन्होंने किसी तरह की सावधानी नहीं बरती। तस्वीरें खुद इस गठजोड़ की गवाही दे रही हैं।” लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित एक आतंकी को मारे गए आतंकियों की जनाजे की नमाज पढ़ाते हुए देखा गया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान सेना की 4 कोर के जीओसी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस जनाजे में मौजूद थे।

घई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत 1980 के दशक के अंत में हुई थी। तब से अब तक 28,000 से ज्यादा आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। इस दौरान 15,000 से अधिक निर्दोष नागरिक और 3,000 से ज्यादा जवान शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक से अब तक 60 हजार से ज्यादा कश्मीरी परिवारों को आतंक के कारण घाटी छोड़नी पड़ी।

डीजीएमओ ने बताया कि हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सब्र की सारी सीमाएं तोड़ दीं। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने वहां 26 निर्दोष पर्यटकों की पहचान पूछकर गोलियां मार दीं। यह हमला पूरी तरह प्रायोजित और योजनाबद्ध था। उन्होंने कहा, “इस घटना के बाद सेना जानती थी कि जवाब जरूरी है, लेकिन जल्दबाजी में नहीं, बल्कि रणनीतिक तैयारी के साथ कार्रवाई की गई।”

घई ने बताया कि 22 अप्रैल से लेकर 6-7 मई की रात तक हर कदम एक तय योजना के तहत बढ़ाया गया। सीमाओं पर कुछ सावधानीपूर्ण सैन्य तैनातियां की गईं ताकि पाकिस्तान को चेतावनी मिल सके। उन्होंने बताया कि सरकारी एजेंसियों और सुरक्षा बलों के बीच पूरा तालमेल था।

डीजीएमओ ने कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में गलती से अपनी अवार्ड लिस्ट 14 अगस्त को जारी कर दी, जिससे संकेत मिलता है कि एलओसी पर उसकी हानि 100 से अधिक रही होगी। उन्होंने कहा, “हमारी कार्रवाई सटीक थी, सीमित थी, और पूरी तरह सैन्य लक्ष्य पर केंद्रित थी।” यह भारत की ओर से एक संगठित और निर्णायक जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है, जिसने यह संदेश दे दिया है कि अब देश पर हमला करने वालों को मजबूत और सटीक जवाब मिलेगा।

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न्यूज़ मोबाइल ब्यूरो

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