राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि 22 जनवरी, 2025 को छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में एक सरकारी स्कूल के लगभग 38 छात्र पास की सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली जहरीली गंध के कारण बीमार पड़ गए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों ने मतली, उल्टी और बेचैनी की शिकायत की और वह बेहोश होने लगे.
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो पीड़ित छात्रों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है. तदनुसार, इसने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को नोटस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
इसमें बच्चों की सावस्थ्य स्थिति और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कथित स्वास्थ्य खतरे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को शामिल किए जाने की उम्मीद है. 23 जनवरी, 2025 को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट कचने को विघटित करने और वैकल्पिक ईंधन तैयार करने के लिए “फॉस्फोरस पेंटासल्फाइड” रसायन का उपयोग करता है. कथित तौर पर, प्रक्रिया को गति देने के लिए, प्लांट कभी-कभी अधिक मात्रा में रसायनों का उपयोग करता है.
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