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ज्योति मल्होत्रा जासूसी कांड में नया मोड़, पहलगाम हमले से ठीक पहले Pak गई थीं ज्योति

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भारत पाकिस्तान तनाव के बीच 33 वर्षीय यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को हाल ही में भारत सरकार की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ जारी है वहीं इस पूछताछ में हर दिन नए-नए राज खुल रहे हैं. इस मामले में नए मोड़ ने एंट्री ली है और खुलासा हुआ है कि ज्योति पहलगाम हमले से ठीक पहले पाकिस्तान गई थीं. इतना ही नहीं, वह आतंकी हमले से पहले पहलगाम भी गई थी.

 

सूत्रों की मानें तो जांच में पता चला है कि ज्योति मल्होत्रा इसी साल अप्रैल में हुए पलहगाम अटैक हमले से तीन महीने पहले पाकिस्तान गई थी. खुफिया सूत्रों के अनुसार, ज्योती पाकिस्तानी उच्चायोग के स्टाफ एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में थी. दानिश को भारत सरकार ने 13 मई 2025 को “अवांछित व्यक्ति” घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दे दिया था. जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति लगातार उसी के संपर्क में थी और पाकिस्तान लौटने के बाद भी वह उससे वॉट्सऐप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे ऐप्स के जरिए जुड़ी रही.

 

सूत्रों के अनुसार, ज्योति ने पुलिस को बताया है कि वह पाकिस्तान में राणा शहबाज और शाकिर नामक व्यक्तियों से भी मिली थी. शाकिर का नंबर उसने “जट रंधावा” के नाम से सेव किया था ताकि किसी को शक न हो. भारत लौटने के बाद भी वह उन लोगों के संपर्क में रही और देश विरोधी जानकारियां साझा करती रही.

 

कोविड में शुरू हुआ यूट्यूब का सफर

कोविड महामारी के दौरान नौकरी चली गई, तो ज्योति ने डिजिटल दुनिया का रुख किया. “Travel with JO” नामक यूट्यूब चैनल शुरू किया, जो धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगा. जब उसकी गिरफ्तारी हुई, तब तक उसके यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख फॉलोअर्स और इंस्टाग्राम पर 1.3 लाख फॉलोअर्स हो चुके थे. वह भारत समेत कई देशों की यात्रा करती, वीडियो बनाती और दर्शकों से जुड़े रहने लगी. इस दौरान उसने पाकिस्तान की भी यात्रा की और वहां 5000 साल पुराने एक हिंदू मंदिर का वीडियो पोस्ट किया, जो काफी वायरल हुआ.

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