कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में हर तपके और लगभग सभी जनता को कष्ट पहुंचाया है। ऐसे में जिन बच्चों के माँ- बाप का साया उनके सर से उठ गया है उनका दुख अकल्पनीय है। ऐसे बच्चों के दुःख को बांटने और कम करने देश – दुनिया के प्रशासन और एनजीओ समेत कई लोग मदद के लिए सामने आए हैं।
अब इसी क्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी (NCPCR) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन सभी बच्चों का डेटा जमा करने का निर्देश दिया है, जो अनाथ हो गए हैं या अपने माता-पिता में से एक को कोविड -19 के चलते खो चुके हैं। एनसीपीआर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बाल स्वराज पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के लिए लिखा है। केयर और प्रोटेक्शन की जरूरत वाले बच्चों की डिजिटल मॉनिट्रिंग और ट्रैकिंग के लिए बनाए गए पोर्टल को महामारी के बीच COVID-केयर लिंक के जरिए इस्तेमाल के लिए भी बढ़ाया गया है।
इस महामारी में ऐसे बच्चे जिन्होने अपने माता या पिता या फिर दोनों को खो दिया है या पालकों की किन्ही समस्याओं के चलते बच्चों को किसी मदद की आवश्यकता है तो उन बच्चों की जानकारी इस वीडियो में उल्लेखित किसी भी संस्था को सूचित करें।#IndiaFightsCorona@smritiirani @KanoongoPriyank pic.twitter.com/vM5AeCaBPk
— NCPCR (@NCPCR_) May 25, 2021
क्या कहा है आओगे ने ?
आयोग का कहना है कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 2 (14) के तहत जिन बच्चों ने कोरोनाकाल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है या परिवार के सपोर्ट के बिना केयर और प्रोटेक्शन की जिन्हें जरूरत है, ऐसे बच्चों के अधिकार को बरकरार रखा जाए और उनकी सुरक्षा की जाए।
डॉक्यूमेंट उपलब्ध करने भी भी सिफारिश।
आयोग ने यह भी कहा है कि बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 31 के तहत बाल कल्याण समिति के सामे पेश किया जाना है और अधिनियम के तहत प्रक्रिया का पालन किया जाना है। इसके अलावा आयोग ने प्रत्येक बाल संरक्षण प्राधिकरण /अधिकारी को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत प्रक्रिया और कार्यों के लिए एक डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने की भी सिफारिश की है।
बता दे आयोग ने SCPCR के साथ बातचीत के बाद यह डॉक्यूमेंट तैयार किया है। दरअसल देश में पिछले कुछ महीनों में कोविड -19 संकट की दूसरी लहर में हुई मौतों के चलते कई बच्चे बिना माता-पिता या अभिभावकों के रह गए हैं।