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मनी लांड्रिंग मामले पर संजय राउत को ईडी ने किया तलब, आज करेगी पूछताछ 

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मनी लांड्रिंग मामले पर संजय राउत को ईडी ने किया तलब,आज करेगी पूछताछ 

बुधवार यानी 20 जुलाई को शिवसेना सांसद संजय राउत को मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने दोबारा पेश होने का समन मिला था। इससे पहले भी जांच एजेंसी ने राउत से बल्लार्ड एस्टेट स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ की थी। वहीं, मंगलवार को शिवसेना नेता के पारिवारिक मित्र सुजीत पाटकर से भी पूछताछ की गई थी। ईडी पात्रा चॉल विकास से जुड़े 1200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। इस घोटाले में ED ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है।

पिछली बार उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी। मामला मुंबई की पात्रा चॉल के रीडिवेलपमेंट का है। ईडी ने इस मामले में अप्रैल में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके करीबियों की 11.15 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की थी। हालांकि संजय राउत इन आरोपों को साजिश बताते हैं।

दरअसल, 2018 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक केस दर्ज कराया था। ये केस राकेश कुमार वधावन, सारंग कुमार वधावन और अन्य के खिलाफ था। ED के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था। ये काम MHADA ने उसे सौंपा था। इसके तहत कंस्ट्रक्शन कंपनी को पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों को पुनर्विकसित करना था. पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव में बनी है। जिस जमीन पर ये फ्लैट रिडेवलप होने थे, उसका एरिया 47 एकड़ था। ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही ये जमीन 9 बिल्डरों को बेच दी. इससे उसे 901.79 करोड़ रुपये मिले. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए. जांच में सामने आया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने गैरकानूनी तरीके से 1,039.79 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.